ओपिनियन पोस्ट
लखनऊ। विधानसभा में मिली हार से बसपा में एक बार फिर से बड़े नेताओं पर मायावती को गुमराह करने का आरोप लगने लगा है। मायावती के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) गंगाराम अंबेडकर ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा कि- ‘बहनजी ड्राइवर के कहने पर पूरी पार्टी चला रही हैं। उनको रास्ते पर लाने के लिए इस्तीफा दिया है। शायद बसपा परिवार के छोटे सदस्य की बातें समझ में आएंगी तो पार्टी बच जाएगी।
गंगाराम अंबेडकर ने आगे कहा कि बहनजी और बसपा को कोई और चला रहा है। हमारा इस्तीफा बहन जी को अलर्ट करने के लिए है। गंगाराम ने सतीश चन्द्र मिश्रा को मायावती का ड्राइवर बताते हुए कहा कि बहनजी ने एक ड्राइवर के भरोसे पूरी पार्टी सौंप दी है, जबकि उस ड्राइवर को हमारे और बहनजी के मिशन से कोई मतलब नहीं है। कभी-कभी ड्राइवर की बात माननी पड़ती है, लेकिन बहनजी अब उस ड्राइवर के ही कहने पर चलने लगी हैं। ड्राइवर शॉर्ट कट रास्ता दिखाता तो बहनजी उधर ही चल देती हैं। ऐसे रास्ते और ऐसे लोगों से बच निकलने की जरूरत है। बहनजी को ये भी सोचना चाहिए कि रास्ता कौन सा है और कौन रास्ता दिखा रहा है। कभी-कभी रास्ता दिखाने वालों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
गंगाराम अंबेडकर ने कहा कि हमारा इस्तीफा किसी खास मकसद या लालच से नहीं हैं। वरना विधानसभा चुनावों के पहले करते। इस वक्त करने का मकसद बहनजी को ये बताना है कि, अब भी वक्त है हम 2019 जीत सकते हैं। मैं बसपा परिवार का अपने को छोटा बच्चा मानता हूं हो सकता है, मेरे इस्तीफे से बहन जी की आंखे खुल जाएं। बड़े जिम्मेदारों से सवाल पूछना चाहिए कि कमी कहां रही और क्या समस्या हुई कि लोग छोड़कर जा रहे हैं। बहनजी के यहां 2 लोग हैं जो हम जैसे छोटे कार्यकर्ताओं को उनसे मिलने ही नहीं देते हैं। उन्हीं के लोगों ने पूरे बंगले में बहनजी के आस-पास पूरी तरह से घेरा बना लिया है। ये दो-तीन लोग पूरी तरह से मायावती को भ्रमित कर रहे हैं। वो किसी दलित-पिछड़े व्यक्ति को राजनीति में नहीं लाना चाहते हैं।