मिथकों से छेड़छाड़ गलत, जनभावनाओं से जुड़ा है ‘पदमावती’ का किस्सा

निशा शर्मा ।

राजस्थान के जयपुर में फ़िल्म ‘पद्मावती’ की शूंटिंग के दौरान राजपूत करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की साथ ही वहां आ कर तोड़फ़ोड़ की। भंसाली से नाराज़ लोगों ने उनके साथ हाथापाई की,  उनके बाल भी खींचे।

पुलिस के मुताबिक उन पर हमला करने वालों का आरोप है कि रानी पद्मावती अल्लाउद्दीन के बीच प्रेम सम्बन्ध दिखाया गया।

दिल्ली विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग की अध्यक्ष रहीं यामिनी गौतम कहती हैं कि संजय लीला भंसाली के साथ जो हुआ वह गलत है लेकिन इतिहास से छेड़छाड़ सही नहीं है। साहित्य में पद्मावत में भी कहीं नहीं लिखा है कि पद्मावती और अल्लाउद्दीन में प्रेम था जबकि पद्मावती तो रत्नसेन से प्रेम करती थी। इतिहास कहीं भी यह नहीं बताता कि अल्लाऊद्दीन और पद्मावती में प्रेम था।

साहित्य बताता है कि अल्लाउद्दीन ने पद्मावती को दर्पण में देखा था। जिसके बाद वह उसे प्रेम करने लगा था। लेकिन पद्मावती उसे प्रेम नहीं करती थी। मिथकों से मनमानी करना गलत है क्योंकि मिथक जनभवनाओं से जुड़े होते हैं।

वहीं लोगों का मानना है कि चित्तौड़गढ़ की रानी की सुंदरता पर मुग्ध अलाउद्दीन ने किले पर हमला कर दिया था और उनसे बचने के लिए रानी पद्मावती और किले की कई और महिलाओं ने ‘जौहर’ कर (ख़ुद को जलाकर) ख़ुदकुशी कर ली थी।

बताते चलें कि फ़िल्म में दीपिका पादुकोण रानी पद्मावती का किरदार निभा रही हैं और रणवीर सिंह अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका में हैं।

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