नई दिल्ली।

भारत ने अपनी सामरिक ताकत में इजाफा करते हुए एक और कदम बढ़ा दिया है। इसलिए अब भारत के दुश्‍मनों को सावधान हो जाना चाहिए। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले भारत के लिए एक खास पहल हुई है। अब मेक इन इंडिया कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए एफ16 लड़ाकू विमान भारत में ही बनेंगे।

अमेरिकी विमान कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने भारत में ही एफ-16 लड़ाकू विमान बनाने की घोषणा की है। इस काम में अमेरिकी कंपनी का साथ देश का सबसे नामी टाटा समूह देगा। पेरिस एयरशो के दौरान इसका ऐलान किया गया। रोजगार की दिशा में भी यह कदम काफी अहम माना जा रहा है।

भारत में एफ-16 के उत्पादन से अमेरिका में लॉकहीड मार्टिन और उसके आपूर्तिकर्ताओं को नौकरियां बढ़ाने में मदद तो मिलेगी ही, भारत में भी नई नौकरियां पैदा हो सकेंगी। लॉकहीड टेक्सास अपने फोर्ट वर्थ कारखाने को भारत स्थानांतरित करेगी। भारत को इस सीरीज का ब्लॉक 70 ऑफर किया जा रहा है जो सबसे नया मॉडल है।

अब देश के निजी क्षेत्र में रक्षा उत्पादों को बढ़ावा मिलने से आर्थिक प्रगति और विकास के रास्‍ते खुलेंगे। इससे पहले टीएएसएल ने सी-1390 जेड विमान के लिए एयरफ्रेम कम्पोनेंट को बनाया था। टाटा की बात करें तो उसने पहले ही सी-130 मिलिटरी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के कंपोनेंट बना रहा है।

यह सौदा भारतीय वायुसेना की एक इंजन वाले लड़ाकू विमान की मांग को पूरा कर सकेगा। घोषणा ऐसे समय में की गई है जब 25 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक के लिए अमेरिका जा रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच मुलाकात 26 जून को होनी है।

यह डील इस लिहाज से अहम है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत वहां की कंपनियों को वहीं निवेश बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, ताकि अमेरिकियों के लिए जॉब के ज्यादा से ज्यादा नए मौके पैदा हो सकें। दूसरी तरफ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने महत्वाकांक्षी अभियान ‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत में ज्यादा से ज्यादा विदेशी निवेश और उत्पादन पर जोर दे रहे हैं। भारत काफी समय से डिफेंस से जुड़े उपकरणों की डील्स के लिए ‘मेक इन इंडिया’ पर जोर दे रहा था।