रोहतक। जाट आरक्षण आंदोलन की वजह से हरियाणा में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। प्रदर्शनकारियों की हिंसा की वजह से कई शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। झज्जर में कर्फ्यू तोड़ने निकले आंदोलनकारियों को काबू करने के लिए पुलिस को गोलियां चलानी पड़ी जिससे चार लोगों की मौत हो गई। वहीं राज्य में प्रदर्शन के चलते 80 लोग घायल हो गए। शनिवार को राज्य में एक रेलवे स्टेशन, एक थाना और कुछ भवनों में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। वहीं रोहतक जिले के कुछ स्थानों पर पहुंचने के लिए सेना को हेलीकॉप्टर का प्रयोग करना पड़ा। कुछ लोगों ने हरियाणा के मंत्री ओ पी धनखड़ के झज्जर स्थित आवास पर पथराव किया लेकिन घटना में कोई जख्मी नहीं हुआ।

jaat5ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण की मांग कर रहे जाट नेताओं ने हरियाणा सरकार की ओर से दिए गए प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा कि उनका आंदोलन मांग पूरी होने तक जारी रहेगा। राज्य के बड़े हिस्से में सामान्य जनजीवन बाधित रहा और दुकानें तथा व्यावसायिक प्रतिष्ठान, स्कूल बंद रहे, कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बाधित रहीं और एलपीजी, दूध और सब्जियों सहित आवश्यक खाद्य पदार्थों की ढुलाई पर भी असर पड़ा।

रोहतक के एफडीडीआई संस्थान के हॉस्टल में आंदोलन की वजह से 350 छात्र फंस गए हैं। यहां के छात्रों ने ओपिनियन पोस्ट को व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर हालात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनके पास खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं बचा है। कर्फ्यू की वजह से बाजार भी नहीं जा सकते। उन्होंने अपील की है कि उन्हें किसी भी तरीके से यहां से बचाकर बाहर निकाला जाए। यह संस्थान केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय चलाता है।

तीन और शहरों में कर्फ्यू 

शनिवार को हरियाणा के तीन और शहरों में कर्फ्यू लगाया गया। इनमें सोनीपत, गोहाना और झज्जर शामिल हैं जहां रात के दौरान और दिन में भी आगजनी की छिटपुट घटनाएं हुईं। राज्य के दो जिलों रोहतक और भिवानी में पहले ही कर्फ्यू लगा दिया है और हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिये गए हैं। शनिवार को सेना ने रोहतक और भिवानी जिलों में फ्लैग मार्च किया। राज्य में रेल और सड़क परिवहन प्रभावित रहा जिस कारण दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और चंडीगढ़ के लिए विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों से सेवा बाधित रही।

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दिल्ली-अंबाला, दिल्ली-अमृतसर, दिल्ली-हिंसा-फजिल्का मार्ग और हिसार-धूरी खंड पर जाटों के विरोध प्रदर्शन को लेकर रेल सेवा गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। कुल 37 ट्रेने रद्द की गई है जबकि 22 आंशिक रूप से रद्द करनी पड़ी। हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को राज्य के नौ जिलों में सेना को लगाया था। पूरे राज्य में स्कूलों को बंद करने के आदेश दिये गए हैं और लगभग सभी जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। प्रदर्शनकारियों ने हिसार में हांसी और रोहतक के पास दो टॉल प्लाजा समेत कई कार्यालयों की इमारतों और पुलिस एवं निजी वाहनों को निशाना बनाया।

आंदोलन की वजह से रेलवे को अब तक 200 करोड़ का नुकसान हो चुका है और तकरीबन 600 मुसाफिर और मालगाड़ियों पर असर पड़ा है। उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ ने जानकारी दी है कि डेढ सौ ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। जुलाना, डिंगल समेत चार रेलवे स्टेशन को जलाया गया है। पंजाब, हरियाणा, जम्मू और पंजाब का रूट पूरी तरह ठप है। इस रूट पर चलने वाली ट्रेनें रविवार सुबह दस बजे तक के लिए रद्द कर दी गई हैं।

खट्टर ने कहा-समाधान ढूंढेंगे

आरक्षण की मांग को लेकर जाट प्रदर्शनकारियों की हिंसा को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की फिर से अपील की और कहा कि सरकार समस्या का समाधान ढूंढेगी। अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के बाद उन्होंने कहा, ‘इस तरह की घटनाओं से सौहार्दता खत्म होती है।’ प्रदर्शनकारियों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए खट्टर ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने से कुछ हासिल नहीं होगा।

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जाट आंदोलन के ज्यादा क्षेत्रों में फैलने को देखते हुए हरियाणा के पुलिस प्रमुख यशपाल सिंघल ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में लाने में वक्त लग रहा है क्योंकि कोई नेता विशेष इसकी अगुवाई नहीं कर रहा है। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सेना सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस का सहयोग कर रही है। उन्होंने इस बात से इनकार किया कि यह खुफिया विफलता रही और सरकार स्थिति का आकलन नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह सचिव से भी बात हुई और उन्हें जमीनी स्थिति से अवगत कराया गया है।

सेना ने रोहतक में शनिवार को एक फ्लैग मार्च निकाला और आगजनी एवं हिंसा में शामिल जाट प्रदर्शनकारियों की रेल एवं सड़क नाकाबंदी हटाई। प्रदर्शनकारियों ने जींद में बूढ़ा खेड़ा रेलवे स्टेशन पर आग लगा दी। रेलवे स्टेशन में आग लगाने पर फर्नीचर, रिकॉर्ड रूम और अन्य सामान जल गए। सेना ने रोहतक जिले के हिस्सों में पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर का सहारा लिया। रोहतक आंदोलन का केंद्र है।

प्रदर्शनकारियों ने सोनीपत जिले में नांगल गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-1 को भी अवरूद्ध कर दिया जिससे यातायात की आवाजाही बाधित हुई। राष्ट्रीय राजमार्ग-1 पंजाब, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर को जोड़ता है। प्रदर्शनकारियों ने झज्जर जिले के बेरी में एक सरकारी कार्यालय में आगजनी की और सफीदों में कुछ वाहनों में आग लगा दी।

रोहतक के मेहम में करीब 2000-2500 लोगों की हिंसक भीड़ ने पुलिस थाने, पेट्रोल पंप, सरकारी इमारत और बैंकेट हॉल में आग लगा दी। रोहतक जिले में आने वाला मेहम राज्य में चल रहे जाट आंदोलन से सबसे अधिक प्रभावित होने वाला इलाका है। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए जिले में सेना को भी तैनात किया गया है।

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दिल्ली पहुंचा आंदोलन

जाट आरक्षण आंदोलन दिल्ली यूनिवर्सिटी तक पहुंच गया। शनिवार को जाट समुदाय के छात्रों ने नॉर्थ कैम्पस के बाहर प्रदर्शन किया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के जाट नेताओं से कहा कि प्रदर्शनकारियों से बात कर मामले का हल निकालें।

ऑल इंडिया जाट आरक्षण संगठन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि हरियाणा सरकार की ओर से कोई ठोस प्रस्ताव नहीं दिया गया है। भाजपा सरकार जाटों को मूर्ख बनाने का प्रयास कर रही है क्योंकि जाटों को आरक्षण देने के संदर्भ में उसके इरादे ठीक नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि खट्टर की जातिवादी मानसिकता है क्योंकि वह जाट नहीं है। वह खुद को गैर जाट नेता के तौर पर साबित करने का प्रयास कर रहे हैं।

अब अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति के हाथ से आंदोलन निकलकर नौजवान आंदोलनकारियों के हाथों में चला गया है। बताया जाता है कि इसके चलते सरकार और सुरक्षाबलों को उनसे बात करने और समझाने-बुझाने में परेशानी हो रही है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति ने 21 फरवरी से आंदोलन का ऐलान किया था मगर यह 14 फरवरी से ही शुरू हो गया क्योंकि उस दिन हरियाणा में कई खाप पंचायतें की बैठकें हुई थीं और इसके बाद लोग सड़कों पर उतर आए।