मुंबई के दोहरा कांड हत्याकांड मामले में अदालत ने दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है । अदालत ने गुरुवार की सुबह कीनन संतोष और रुबेन फर्नाडीस की हत्या के मामले में फैसला सुनाते हुए चारों आरोपियों को दोषी करार दिया। इसके बाद अदालत ने चारों दोषियों जितेंद्र राणा, सुनील बोध, सतीश दुल्हज और दीपक तिवाल को उम्रकैद की सजा सुनाई। इन चारों आरोपियों के खिलाफ अदालत ने अक्टूबर 2012 में हत्या, साजिश और छेड़छाड़ के आरोप तय किए थे। तभी से इस मामले में फैसले का इंतजार किया जा रहा था। यह मामला मुंबई की एक विशेष अदालत में चल रहा था। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने गुरुवार को फैसला दिया।

परिवार चाहता था आजीवन कारावास मिले

खास बात है कि पीड़ित परिवार भी दोषियों को मौत की सजा की बजाय आजीवन कारावास ही चाहता था। कीनन के पिता वैलेरिएन सैंटोस का कहना था कि सभी को उम्र कैद मिले ताकि उन्हें जीवन भर हमारा दर्द सालता रहे। कीनन के पिता वेलेरियन सैंटोस ने तो आरोपियों को सजा दिलाना ही अपना एकमात्र उद्देश्य बना लिया था इसलिए वो मुक़दमे की हर तारीख पर अदालत में मौजूद रहे।

क्या था मामला

कीनन और रूबेन पर 20 अक्तूबर 2011 की रात तब हमला हुआ था जब दोनों ने होटल में अपने साथ आईं महिला मित्रों को छेड़ने का विरोध किया था। विरोध करने पर उस समय तो आरोपी चले गए लेकिन थोड़ी देर में हथियारों और डंडो से लैश होकर बड़ी संख्या में आये और दोनों पर हमला कर दिया। कीनन की तो चाकू लगने से मौके पर ही मौत हो गई जबकि रूबेन की मौत बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान हुई।

फैल गया था आक्रोश

छेड़खानी का विरोध करने पर सरेआम हत्या की इस दर्दनाक वारदात से इलाके में ही नहीं शहर भर में काफी आक्रोश फैल गया था। युवकों ने सोशल मीडिया के जरिये भी इसका जमकर विरोध किया। आरोपियों को पकड़ने और उन्हें सजा दिलाने के लिए अभियान चलाया गया। मामले में पुलिस ने जितेंद्र राणा, सुनील बोध, सतीश धुलज और दीपक तिवल को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ 416 पन्नों का आरोप-पत्र दायर किया था। चारों के खिलाफ हत्या, हत्या का षड्यंत्र रचने और छेड़खानी का आरोप लगाया गया था।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में चला केस

जल्द न्याय के लिए मुकदमे को फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया गया। अदालत में दमदार पैरवी के लिए उज्ज्वल निकम को विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया गया। फिर भी न्याय मिलने में 5 साल का वक्त लग गया। मामले में 30 लोगों की गवाही हुई। जिस लड़की के साथ छेड़खानी हुई थी उसकी गवाही अहम् साबित हुई। आखिरकार अदालत ने सभी 4 आरोपियों को हत्या और छेड़खानी के आरोप में दोषी करार देते हुए सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।