‘जुड़वां-2’, पापा डेविड धवन की सिर्फ और सिर्फ अपने बेटे वरुण धवन के लिए बनाई गई फिल्म है. डेविड धवन ने सलमान खान की खुद की बनाई फिल्म को नए अवतार में पेश करने की कोशिश की है. लेकिन कहते हैं न कि नकल के लिए अक्‍ल चाहिए होती है. फिर अपनी ही बनाई किसी चीज की नकल करनी हो तो यह और भी जरूरी हो जाता है कि उसमें दिमाग और भी ज्यादा इस्तेमाल किया जाए. डेविड धवन ने ऐसी किसी बात को फॉलो नहीं किया है. उन्होंने वरुण धवन को लेकर और यूथ को ध्यान में रखकर ‘जुड़वां-2’ बनाई है. वरुण धवन की ‘जुड़वां-2’ सेंसलेस कॉमेडी है.

कितनी दमदार कहानी
कहानी वही पुरानी ‘जुड़वां’ वाली है. प्रेम और राजा (वरुण धवन) दो भाई हैं और वे दोनों एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं. लेकिन फिर भी वे एक-दूसरे से जुड़े हैं. एक टपोरी टाइप का है जबकि दूसरा डिसेंट. एक कमजोर है दूसरा ताकतवर. इसी बीच में ग्लैमरस का छौंक लगाने के लिए एंट्री होती है तापसी और जैक्लिन की. लेकिन माफिया के साथ दोनों वरुण के पिता का पुराना हिसाब है और उसी को लेकर लफड़ा होता है. कहानी में कुछ भी नया नहीं है और डेविड धवन वैसे भी अपनी कहानियों पर कम मेहनत करने के लिए पहचाने जाते हैं. वे जोक्स में यकीन करते हैं. कुल मिलाकर कमियों से भरपूर यह कहानी हंसाने के लिए ही बनाई गई लगती है लेकिन अगर दिमाग लगाया तो शायद हंसी से महरूम रह जाएंगे.

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एक्टिंग के रिंग में
एक फिल्म में दो-दो वरुण धवन देखना उनके फैन्स के लिए मजेदार एक्सपीरियंस रहेगा. वरुण धवन ने राजा और प्रेम का किरदार ठीक से निभाया है, और जितनी एक्टिंग वे कर सकते हैं उन्होंने की है. लेकिन उनकी एक्टिंग अधिकतर जगहों पर ओवरएक्टिंग हो जाती है. कभी वे सलमान खान की तरह हो जाते हैं तो कभी गोविंदा टाइप एक्टिंग करने लगते हैं. बहुत कम ही सीन्स में वे वरुण धवन बन पाते हैं. फिर उनके डैडी ने बेटे के एब्स का अच्छा इस्तेमाल किया है और किसी भी मौके पर उसे दिखाने से चूके नहीं हैं. बात हीरोइनों की करें तो जैक्लिन फर्नांडिस और तापसी पन्नू एवरेज हैं. जैक्लिन ग्लैमर की बहार लाने में सफल भी नजर आती हैं लेकिन तापसी तो पूरी कहानी में ही मिसफिट नजर आती हैं. उन्हें रोल मजबूरी में नहीं बल्कि अपनी पसंद से चुनने चाहिए. फिल्म में राजपाल यादव और अनुपम खेर ने अपने किरदार अच्छे से निभाने की कोशिश की है.

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बातें और भी हैं

फिल्म के गाने जुड़वां वाले ही हैं. इसलिए वे अट्रेक्ट करते हैं. उन्हें थोड़ा नया टच दे दिया गया है.  जुड़वा-2 के साथ एक अच्छी बात यह है कि फिल्म सोलो रिलीज है. फिर दो अक्टूबर की वजह से इसे चार दिन भी मिल रहे हैं. इसलिए फिल्म को अच्छा बिजनेस मिल सकता है. फिल्म पूरी तरह से कॉमेडी है और पिछल दो हफ्तों में बॉक्स ऑफिस पर फिल्मों की चाल सुस्त रही है. फेस्टिवल सीजन का फायदा भी ‘जुड़वां-2’ को मिल सकता है. फिल्म पूरी तरह से यूथ को ओरियंटेड है. वरुण धवन का बॉक्स ऑफिस पर 100 फीसदी सक्सेस रेट रहा है, ऐसे में फेस्टिवल सीजन उन्हें एक और सौगात दे सकता है.