नई दिल्ली।

वोडाफोन इंडिया को पीछे छोड़कर रिलायंस जियो आमदनी के लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन गई है। मार्च 2018 में खत्म तिमाही में जियो को ₹6,217 करोड़ की आमदनी हुई।

भारती एयरटेल अभी भी मार्केट लीडर बनी हुई है। मार्च तिमाही में भारती का रेवेन्यू ₹7,087 करोड़ रुपये रहा। रिलायंस जियो जल्द ही ब्रॉडबैंड इंटरनेट, वॉयस कॉल और डीटीएच की सुविधा ग्राहकों को पूरे देश में शुरू करने जा रही है, जिसके लिए ग्राहकों को हर महीने 1000 रुपये से कम खर्च करना होगा।

जियो ने लॉन्चिंग के साथ कस्टमर्स को फ्री वॉइस कॉलिंग और लो-कॉस्ट डेटा ऑफर किया था, जिससे टेलिकॉम इंडस्ट्री में टैरिफ को लेकर प्राइस वॉर छिड़ गई थी। यह वॉर अभी भी चल रही है। उससे पहले ही 7 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी इस सेक्टर की वित्तीय मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

जियो ने वास्तव में प्रीपेड सेगमेंट से लेकर पोस्ट-पेड सेगमेंट तक लो-टैरिफ की जंग को और बढ़ाया है। देश के 95 पर्सेंट सब्सक्राइबर प्रीपेड सेगमेंट के हैं। हालांकि, पोस्टपेड सब्सक्राइबर्स का इंडस्ट्री के रेवेन्यू में 20 से 25 पर्सेंट योगदान है।

ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो का अडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मार्च तिमाही में वोडाफोन इंडिया के ₹4,937 करोड़ रुपये और आइडिया सेल्युलर के ₹4,033 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। जियो के पास अभी 20 करोड़ ग्राहक हैं।

जियो घरों में ऑप्टिकल फाइबर केबल के जरिये 100 एमबीपीएस की शुरुआती स्पीड से इंटरनेट सेवा देगी। इस कनेक्शन से व्हाट्सऐप जैसे अन्य ऐप के जरिये कॉलिंग भी कर सकेंगे, जिसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा घर में उपभोक्ता लाइव टीवी देखने का मजा भी ले सकेंगे।

रिलायंस जियो 5 जुलाई को आरआईएल की एजीएम में इसकी घोषणा कर सकती है। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। रिलायंस शुरू में देश के 200 से अधिक शहरों में इस सर्विस को शुरू करेगी। इन शहरों में 5 लाख से कम आबादी वाले शहर भी शामिल हैं।

जियो फिलहाल कई शहरों के चुनिंदा इलाकों में पायलेट स्तर पर यह प्रोजेक्ट चला रहा है। जियो टेलिकॉम की तरह इस सेवा को भी शुरू के 6 महीने ग्राहकों के लिए पूरी तरह से मुफ्त रख सकता है, जिससे उसे ग्राहकों को जोड़ने में काफी आसानी होगी।

रिलायंस जियो का पहले से इस्तेमाल कर रहे ग्राहकों को सबसे पहले इस स्कीम से जोड़ा जाएगा, जिनको कई तरह की छूट मिलेगी। पहले से ग्राहक होने के कारण कई तरह की औपचारिकताएं नहीं निभानी पड़ेंगी। यह सर्विस प्रीपेड न होकर के पोस्टपेड होगी, जिसके लिए ग्राहकों को बाद में पैसा चुकाना पड़ेगा।