निशा शर्मा । जापान की एक कलाकार आजकल जापान में ही नहीं दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस कलाकार को टोक्यो की एक कोर्ट ने देश का अश्लीलता कानून तोड़ने का दोषी पाया है। कलाकार पर आरोप है कि वो वजाइना के आकार जैसी कलाकृतियां बनाकर देश में अश्लीलता फैला रही है।

मेगुमी इगाराशी नाम की ये कलाकार खुद को बिगड़ेल बच्चा मानती है। यानी की वो कुछ ऐसा करती है जो कि साधारण तौर पर बच्चे नहीं करते या नहीं कर सकते हैं। इगाराशी मानती है कि उसने कोई अपराध नहीं किया है उसका मानना है कि उसने यौन गतिविधि का चित्रण नहीं किया है जिसके लिए उसे अपराधी माना जाए। उसने तो सिर्फ अपने शरीर के एक भाग को चित्रित किया है और यह कोई अपराध नहीं है। यह उसकी स्वतंत्रता के अधिकार का हिस्सा है।

टोक्यो की एक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने मेगुमी इगाराशी पर चार लाख येन यानी करीब ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। हालांकि बाद में वकीलों की दलीलों के बाद जुर्माना आधा कर दिया गया।

इगाराशी को दो साल पहले गिरफ्तार किया गया था। वह अपनी एक कलाकृति के लिए ऑनलाइन फंड जुटाने की कोशिश कर रही थीं। इसके लिए उन्होंने अपनी वजाइना की थ्रीडी तस्वीरों का एक कोड जारी कर दिया था। इस कोड के जरिए लोग उन तस्वीरों की कॉपी बना सकते थे। इसे अश्लीलता माना गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार को कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया।

इगाराशी की गिरफ्तारी के बाद मीडिया का गुस्सा फूट पड़ा । इसकी एक वजह है कि जापान में अश्लील साहित्य का बड़ा केन्द्र है। जापान में यौन सामाग्री मंगा जैसी किताबों को पुरूषों को पढ़ता देखा जा सकता है। ऐसी मैगजीन या कॉमिक आसानी से बुक स्टॉल पर देखी जा सकती है। इसे मीडिया जापान की दोहरे मापदंड के तौर पर देख रहा है।मंगा यानी कि युवा और युवा-वयस्क आधारित हास्य किताबें, ग्राफिक उपन्यास जिस पर अक्सर अंधेरे या यौन उन्मुख विषयों को उकेरा हो, वह जापान में आसानी से उपलब्ध नहीं है लेकिन फिर भी तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।

वैसे जापान में पॉर्न इंडस्ट्री बहुत बड़ी है। इसके जरिए हर साल अरबों डॉलर का व्यवसाय होता है। लेकिन जननांगों के असली रूपांतरण पर प्रतिबंध है। इसी आधार पर 2014 में मेगुमी पर मुकदमा चलाया गया। जापान में पॉर्नोग्राफी के नाम पर काफी कुछ दिखाया जाता है लेकिन जननांग नहीं दिखाए जा सकते क्योंकि अश्लीलता के खिलाफ कानून बेहद कड़े हैं। इसलिए पॉर्न फिल्मों में भी जननांगों को ब्लैकआउट कर दिया जाता है या फिर धुंधला करके दिखाया जाता है।

वर्षों के अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद जापानी संसद ने पिछले महीने ही बच्चों पर अश्लील साहित्य पर प्रतिबंध लगाने के लिए मतदान किया है। लेकिन विधायकों ने मंगा और एनीमेशन में छोटे बच्चों की धूमिल छवियों को प्रकाशकों के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध के खिलाफ बहस के बाद छूट दी है। इगाराशी को दुनियाभर में सहानुभूति मिल रही है, हालही में 20,000 से अधिक लोगों ने ईगारशी की रिहाई की मांग के लिए एक ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।