‘मालाबर’ जैसी बड़े पैमाने का संयुक्त युद्ध अभ्यास करने के बाद अब भारत अमेरिका की आर्मी भी ‘युद्ध अभ्यास’ की तैयारी में जुट गई है।

बताया जा रहा है कि युद्ध अभ्यास नाम अमेरिका के ज्वाइंट बेस लेविस-मेक्कार्ड में 14 से 27 सितंबर के बीच होगा।

भारत और अमेरिकी रक्षा और राज्य विभाग ने अपनी ज्वाइंट रिपोर्ट में कहा है कि हम दोनों देश एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय सहयोगी के रूप में आपसी सैन्य तालमेल बढ़ाने के मकसद से ये युद्धाभ्यास कर रहे हैं। देखा जाये तो ये फैसला भारत-अमेरिका के कूटनीतिक ऱिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल में हुई मुलाकात और एक दूसरे के लिए प्रतिबद्धता के फैसले के बाद हुआ है। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच रिश्तों का विस्तार करते हुए अपने सम्बन्धों को और मजबूती प्रदान करने के लिए कई समझौतों पर बातचीत की है।

दोनों देशों के बीच होने वाले युद्धाभ्यास से चीन के माथे पर चिन्ता की लकीरें बढ़ गई हैं। क्योंकि इन दिनों डोकलाम और सिक्किम मामले में भारतीय और चीनी सेनाएं आमने-सामने आ गई हैं। दोनों देशों की ओर से इस मामले में जुबानी जंग का दौर भी जारी है। सेना की माने तो इस वक्त ये युद्धाभ्यास दोनों देशों की सेना के बीच बटालियन और कंपनी स्तर पर क्षमताओं का बढ़ा देगा। इसके साथ ही नई तकनीकि से युद्ध में लड़ने का भारतीय सेना को अभ्यास भी हो जायेगा।