अहमदाबाद।

मनचाहा विभाग न मिलने से गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल काफी नाराज हैं और उन्होंने अपने विभाग का कामकाज तक नहीं संभाला है। वह वित्त मंत्रालय न मिलने से नाराज हैं। हालांकि अभी तक नितिन पटेल और गुजरात में बीजेपी के किसी भी नेता की ओर से इस मामले में बयान नहीं दिया गया है। सूत्रों की मानें तो नितिन पटेल ने ये भी कहा है कि वह आत्मसम्मान में ठेस पहुंचाए जाने की बात पर इस्तीफा भी दे सकते हैं।

उधर, हार्दिक ने कहा है कि अगर नितिन पटेल 10 विधायकों के साथ बीजेपी छोड़ने के लिए तैयार हैं तो वो कांग्रेस से उनके लिए बात कर सकते हैं। अगर बीजेपी उनकी इज्जत नहीं करती है तो उन्हें तुरंत पार्टी छोड़ देनी चाहिए।

दरअसल, गुजरात में बीजेपी के लिए सत्ता हासिल करना जितना मुश्किल था उसी तरह अब नई सरकार के गठन के बाद मंत्रियों के पदों के बंटवारे में भी पार्टी को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। डिप्टी सीएम नितिन पटेल ने बृहस्‍पतिवार को हुई कैबिनेट की पहली बैठक में भी आने से इनकार कर दिया था। बाद में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी उनको मनाने के लिए घर गए। फिर भी शाम को 5 बजे शुरू होने वाली बैठक में रात 9 बजे पहुंचे थे।

नई सरकार के शपथ ग्रहण के कुछ दिन बाद भी उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने उनको आवंटित विभागों का कार्यभार नहीं संभाला है। बीजेपी के एक सूत्र ने बताया कि उन्होंने खुद को आवंटित विभागों को लेकर अपनी नाराजगी के बारे में पार्टी नेतृत्व को अवगत करा दिया है।

राज्य की पिछली सरकार में पटेल के पास वित्त और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे लेकिन इस बार उन्हें सड़क एवं भवन और स्वास्थ्य जैसे विभाग आवंटित किए गए हैं। ऐसे में पटेल इस बार मनचाहा विभाग न मिलने से नाराज दिख रहे हैं।

गुजरात में बीजेपी सरकार के गठन के बाद पिछले 28 दिसम्बर को विभागों के बंटवारे में पटेल को इन दो विभागों के अलावा चिकित्सा शिक्षा, नर्मदा, कल्पसार और राजधानी परियोजना का प्रभार भी दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि उपमुख्यमंत्री ने आज तक इन विभागों का प्रभार नहीं संभाला है। इस बार वित्त मंत्रालय सौरभ पटेल को आवंटित किया गया है जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शहरी विकास विभाग अपने पास ही रखा है।

सीएम ने नितिन पटेल को बताया नंबर-2

पटेल की पार्टी के साथ नाराजगी के बारे में सवाल पर रूपाणी बिना कोई जवाब दिये चले गए। नितिन पटेल मीडिया ब्रीफिंग में कुछ नहीं बोले थे और जल्दी चले गए थे। उस समय रूपाणी ने कहा था, ‘यह सच नहीं है कि वित्त विभाग संभालने वाले मंत्री कैबिनेट में नंबर दो हैं। नितिन पटेल हमारे वरिष्ठ नेता हैं और वह नम्बर दो बने रहेंगे।’ नितिन पटेल से प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी थी।