अहमदाबाद। 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस6 कोच को जलाने की साजिश रचने वाले मुख्य आरोपी फारुक भाना को गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। 14 साल से फरार चल रहे मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी से इस घटना के कई और राज खुलने की उम्मीद है। इस घटना में 59 तीर्थ यात्रियों की मौत हो गई थी जो अयोध्या से कारसेवा कर लौट रहे थे। इसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क गए थे जिसमें करीब दो हजार लोग मारे गए थे।
टोल प्लाजा से हुआ गिरफ्तार
पुलिस के मुताबिक, फारुक को पंचमहल जिले के कलोल टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया है। गोधरा इसी जिले के तहत आता है। वह यहां अपने परिवार वालों से मुलाकात करने वाला था। अधिकारियों के मुताबिक, भाणा साबरमती एक्सप्रेस जलाने का मुख्य साजिशकर्ता है। उसने ही गोधरा रेलवे स्टेशन के करीब स्थित फूलन बाजार के अमन गेस्ट हाउस में मीटिंग रखी थी।
एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक, ‘भाना ने मीटिंग में कहा कि साबरमती एक्सप्रेस लेट होगी और वह सुबह दो बजे की बजाय सात बजे पहुंचेगी। गेस्ट हाउस में मीटिंग के बाद साबरमती एक्सप्रेस को जलाने के लिए 140 लीटर पेट्रोल खरीदा गया।’ अधिकारियों के मुताबिक, भाना को सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाए गए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को सौंपा जाएगा। एसआईटी ने ही इस मामले की जांच की है।
2011 में स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में 31 लोगों को दोषी करार दिया था जबकि 63 को बरी कर दिया गया। 11 को मौत की सजा हुई और 20 लोगों को उम्रकैद। भाना इस मामले में फरार चल रहा था। दोषियों ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट में सुनवाई पिछले साल पूरी हो चुकी है और फैसला आना बाकी है।