मुंबई।

मुंबई में रेलवे स्‍टेशन के फुट ओवर ब्रिज हादसे से एक बार फिर यह साबित हो गया है कि अफवाह असामाजिक तत्‍वों का सबसे बड़ा हथियार होता है। एलफिंस्टन ब्रिज का कुछ हिस्सा टूटकर गिरने की अफवाह से ब्रिज पर भगदड़ मच गई जिससे 22 लोगों की मौत हो गई और 45 लोग घायल हो गए। मुख्य तौर पर हादसे की वजह बारिश और अत्यधिक भीड़ भी माना जा रहा है।

घटना सुबह 11 बजे के आसपास की बताई जा रही है। घायलों को केईएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। केईएम अस्पताल की तरफ से हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। 022-24107000 | 24136051 | 24107020 | 24131419 नंबरों पर फोन करके पीड़ित परिवार जानकारी पा सकते हैं।

आपदा प्रबंधन के साथ ही मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम भी बचाव के लिए पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि जब पुल गिरने की अफवाह फैली, तो भगदड़ मच गई और पुल पर फिसलन के कारण हादसा और भी बड़ा हो गया। भगदड़ मचने के बाद काफी औरतें बेहोश हो गई थीं।

भारी बारिश के बीच ही शॉर्ट सर्किट होने की अफवाह फैल गई। हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अफवाह की वजह से लोगों में अफरातफरी मच गई और लोग अचानक इधर-उधर भागने लगे। बारिश से बचने के लिए लोग ब्रिज पर ही खड़े हुए थे।

चश्मदीदों ने बताया कि इस दौरान लोगों को अचानक समझ में नहीं आया कि किधर जाना है। इसी दौरान वहां पर फुटओवर ब्रिज के टूटने का हल्ला मच गया और लोगों में भगदड़ मच गई। शुक्रवार को छुट्टी होने की वजह से स्टेशन पर भीड़ ज्यादा थी और लोग अधिक संख्या में स्टेशन पर मौजूद थे।

घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि मौके पर मौजूद लोग ही फौरन राहत एवं बचाव कार्य में जुट गए। पुलिस और अस्पताल की कोई भी सुविधा पहुंचने तक लोगों ने खुद ही घायलों की मदद की। घटनास्थल पर मौजूद एक यात्री किशोर ठक्कर ने हादसे के खौफनाक मंजर को बयां करते हुए बताया कि भगदड़ के बाद एक के ऊपर एक लाशें पड़ी हुई थीं। हमने उन्हें उठाया और वाहनों तक ले गए।