ओपिनियन पोस्‍ट
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम के कई परिसरों पर छापेमारी की। यह छापेमारी एयरसेल-मैक्सिस मामले में मनी लांड्रिंग जांच के सिलसिले में की गई है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आज सुबह से ही कार्ति के दिल्ली और चेन्नई परिसरों पर छापेमारी चल रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने पिछले साल एक दिसंबर को इसी मामले में कार्ति के एक रिश्तेदार और अन्य के परिसरों पर छापेमारी की थी।
ईडी का यह मामला 2006 में तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा दी गई विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी से संबंधित है। एजेंसी ने कहा था कि वह तत्कालीन वित्त मंत्री द्वारा दी गई एफआईपीबी मंजूरी की परिस्थितियों की जांच कर रही है।
ईडी का यह भी आरोप है कि कार्ति ने गुड़गांव में एक संपत्ति बेच दी है। यह संपत्ति एक बहुराष्ट्रीय कंपनी को किराये पर दी गई थी। इस कंपनी को 2013 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी मिली थी।
यह भी आरोप है कि मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के तहत कुर्की की प्रक्रिया से बचने के लिए कार्ति ने कुछ बैंक खाते बंद कर दिए हैं और कुछ अन्य खातों को बंद करने का प्रयास किया है।
एजेंसी का आरोप है कि एयरसेल मैक्सिस एफडीआई मामले को मार्च, 2006 में तत्कालीन वित्त मंत्री ने एफआईपीबी की मंजूरी दी थी। हालांकि, वह सिर्फ 600 करोड़ रुपये तक के प्रस्तावों को ही मंजूरी देने के सक्षम थे।
इससे अधिक राशि के मामले में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की मंजूरी जरूरी थी। इस मामले में 80 करोड़ डॉलर या 3,500 करोड़ रुपये के एफडीआई की मंजूरी दी गई। इसमें सीसीईए की मंजूरी नहीं ली गई।
छापेमारी के बाद पी. चिदंबरम ने बताया कि ईडी को इस छापेमारी में कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने बताया कि इस मामले में सीबीआई समेत किसी भी जांच एजेंसी ने अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं किया है।
पी चिदंबरम ने कहा कि जब छापेमारी चल रही थी तब मैं घर में ही मौजूद था। उन्होंने कहा कि ईडी के अधिकारियों ने घर में किचन से लेकर सभी कमरों की तलाशी ली लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला।
चिदंबरम ने कहा कि ईडी गलती से दिल्ली के जंगपुर में स्थित घर पर आई, जबकि उन्हें चेन्नई स्थित घर पर जाना था। चिदंबरम के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि उन्हें मालूम चला है कि कार्ति चिदंबरम इसी घर पर हैं। लेकिन वे यहां नहीं मिले।

सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति का आरोप

बता दें कि कार्ति चिदंबरम को 11 जनवरी को 2जी घोटाले से जुड़े एयरसेल मैक्सिस डील मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फटकार भी लगाई थी।
वहीं, पिछले साल सितंबर में भी ईडी ने छापे मारकर कार्ति चिदंबरम की दिल्ली और चेन्नई में कई संपत्तियां जब्त की थी।