ओपिनियन पोस्ट ब्यूरो
नयी दिल्ली । नेपाल अभी तक कुछ माह पूर्व आए भूकंप की तबाही से उभरा भी नहीं था कि 26 अक्टूबर को अफगानिस्तान के हिंदूकुश पर्वत में आए 7.5 तीव्रता के जबरदस्त भूकंप से पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भारी तबाही मचा दी। इस भूंकप से अफगानिस्तान व पाकिस्तान में करीब 280 लोगों की मौत हो गई है, जबकि सैकड़ों अन्य घायल हो गए हैं। मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है । इसके अलावा उत्तर भारत के कई बड़े इलाकों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे लेकिन इसमें केई बड़ा नुकसान नहीं हुआ हैं। उत्तर भारत के दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तराखंड, पंजाब , हिमाचल प्रदेश , राजस्थान के कई हिस्सों में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। भूकंप की वजह से लोग घरों वव दफ्तरों से बाहर निकल आए। लोगों में दिन भर दहशत व्याप्त रही।
अफगानिस्तान के तखार प्रांत में भूकंप के बाद एक स्कूल में मची भगदड़ में 12 छात्राओं की मौत हो गई। 60 से ज्यादा लोगों को भूकंप में जान गंवानी पड़ी है। पिछले 10 सालों का यह सबसे शक्तिशाली भूकंप है। भारी नुकसान की आशंका को देखते हुए सरकार ने प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव अभियान के लिए सैन्यकर्मियों को रवाना किया है।
जबकि पाकिस्तान में भूकंप से कम से कम 214 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग घायल हो गए। पाकिस्तान के पख्तूनख्वा प्रांत और संघ प्रशासित क्षेत्र (फाटा) में 123 लोग मारे गए हैं, जबकि पंजाब प्रांत में पांच और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चार लोगों की मौत हुई है। खबर पख्तूनख्वा में 956 लोग घायल हुए हैं। भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित मालाकंड इलाका है, जहां 74 लोगों की मौत की खबर है। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत में आए भूकंप के बाद नेपाल की राजधानी काठमांडू सहित कई हिस्सों में भी झटके महसूस किए गए। दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए जाने के साथ ही मेट्रो परिचालन रोक दिया गया, जोकि बाद में बहाल कर दिया गया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही भी बीच में ही रोक दी गई।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं लेकिन चूंकि अफगानिस्तान के हिन्दुकुश में रहा जलजले का केंद्र उत्तर प्रदेश से काफी दूर है इस वजह से इस राज्य तक आते-आते इसकी तीव्रता काफी कम हो चुकी थी।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान में आए भीषण भूकंप का शिकार बने लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं जताते हुए अमेरिका ने कहा है कि वह इन दोनों देशों को किसी भी प्रकार की सहायता उपलब्ध करवाने के लिए तैयार है।
भूकंप के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर अफगानिस्तान और पाकिस्तान को मदद की पेशकश की, लेकिन देर रात पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने भारत की मदद लेने से इंकार कर दिया। शरीफ ने फोन करने के लिए पीएम मोदी का शुक्रिया करते हुए कहा कि इस आपदा से पाकिस्तान खुद के संसाधनों से निपट लेगा। इससे पहले पीएम मोदी ने भूकंप आने के बाद ट्वीट कर कहा था कि अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में भूकंप के जोरदार झटकों के बारे में पता चला। भूकंप से भारत के भी कई हिस्से प्रभावित हुए हैं। मैं सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं। इसके अलावा मोदी ने एक और ट्वीट में कहा था कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान समेत जहां भी जरूरत हुई, मदद के लिए तैयार हैं।