लायंस क्लब द्वारा 14 से 18 नवम्बर 2018 तक डायबिटीज शिविर

देब दुलाल पहाड़ी ।

हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस के रूप से मनाया जाता है । इसी को ध्यान मैं रखते हुए आज वर्ल्ड डायबिटीज डे (विश्व मधुमेह दिवस) के अवसर पर विश्व का सबसे बड़ा मानवीय सेवा संघ लायंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन ने विशिष्ट मुहीम की घोषणा करते हुए बताया कि एलसीआईएफ देश भर में लायंस क्लब के माध्यम से 700 डायबिटीज किट्स का वितरण करेगा और 2 लाख से अधिक मरीजों के ब्लड शुगर की जांच करेगा। भारत में विभिन्न लायंस क्लब अल्पसुविधा प्राप्त इलाकों में जागरूकता निर्माण, नैदानिक शिविरों के आयोजन और मरीजों को चंगा करके डायबिटीज का फैलाव रोकने का काम कर रहे हैं।

नया दिल्ली में आयोजित पत्रकार वार्ता में लायंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन (एलसीसीआइए ) के चेयरमैन डॉ. नरेश अग्रवाल ने  कहा एलसीसीआइए और अपोलो हॉस्पिटल के सहयोग से देश के प्रमुख स्थान , स्कूलों व कॉलेजों में जागरूकता कैंप लगाए जाएंगे।वार्ता में एलसीसीआइए के चेयरमैन वीरेंदर के. लूथरा, प्रशासन निदेशक जे.पी. सिंह, तथा वित्त निदेशक नवल जे. मालू , लायंस मिशन डायबिटीज के अध्यक्ष डॉ. राकेश त्रेहन के अलावा क्लब केअन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

डायबिटीज पर इस अखिल भारतीय पहल के बारे में डॉ. नरेश अग्रवाल ने कहा कि, ‘‘गत वर्ष इंटरनेशनल प्रेसिडेंट के रूप में मैंने एलसीआइ का सबसे ठोस अभियान – डायबिटीज की बेतहाशा बढ़ोतरी पर लगाम लगाना आरम्भ किया था। भारत में 6 करोड़ लोग डायबिटीज के शिकार हैं और हर 15 साल पर यह संख्या दोगुनी हो जाती है। लेकिन इसे रोकने के लिए लायंस एकजुट हो गए हैं ”।

डायबिटीज के कारण और भी कई रोग हो जाते हैं जो दिल, रक्त, फेफड़े और आखों को प्रभावित करते हैं। लेकिन इसका मूल कारण है खून में अत्यधिक शर्करा का होना। 90 फीसदी मामले महज स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से ठीक हो सकते हैं। 10 फीसदी मामलों में दवा और आम तौर पर इन्सुलिन की ज़रुरत पड़ती है।

अपनी पहल के बारे में विस्तार से बताते हुए अग्रवाल ने कहा कि, ‘‘ जागरुकता और एकजुटता के साथ इस बीमारी का मुकाबला की जा सकता है। जागरूकता निर्माण और मरीजों के लिए जांच शिविरों के हमारे गंभीर प्रयासों के साथ पिछले साल भारत में हमने एक ही दिन में 22,250 से अधिक लोगों का सबसे बड़ा डायबिटीज जागरूकता सेमिनार आयोजित करके एक मानदंड स्थापित किया था जो गिनीज बुक ऑफ़ रेकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। इस साल भी हमारा लक्ष्य देशभर में 2 लाख की विशाल आबादी तक पहुंचना हैं। हमारा अभिप्राय इस बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करना, लोगों को इसकी गंभीरता का अहसास कराना और उनकी जांच करना है ताकि उचित चिकित्सीय इलाज किया जा सके। एलसीआईएफ के साथ सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर, समर्पित स्वयंसेवक और कुशल कर्मचारी है जो लोगों की जांच की विशेष देखभाल करते हैं। हम 14 से 18 नवम्बर, 2018 तक डायबिटीज शिविर लगाने जा रहे हैं जहां हमारे विशेषज्ञ ब्लड शुगर की जांच करके ग्लूकोमीटर सहित 700 से अधिक डायबिटीज किट और 2 लाख स्ट्रिप्स तथा लांसेट का वितरण करेंगे।’’

अग्रवाल ने यह भी कहा कि, ‘‘हमने वर्ल्ड डायबिटीज डे के लिए डायबिटीज की रोकथाम पर पर्चे बांटने जैसे विस्तृत कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। हमने कुछ सार्वजनिक पार्कों में व्यायाम के उपकरण लगायें हैं ताकि आस-पास के लोग वहाँ व्यायाम करने और स्वच्छ वातावरण का आनंद उठा सके । हमने दिल्ली में अस्पतालों में डायबिटीज केंद्र खोलने का भी फैसला किया है जिसके लिए स्थान चिन्हित करने का काम चल रहा है।’’

एलसीसीआइए के चेयरमैन वीरेंदर के. लूथरा ने कहा 90 प्रतिशत मधुमेह रोका जा सकता है ।

डायबिटीज की भयावहता का मुकाबला करने और अन्य पहलों में विश्वव्यापी उपस्थिति की चर्चा करते हुए अग्रवाल ने कहा कि, ‘‘विगत 50 वर्षों में एलसीआईएफ ने डायबिटीज प्रोजेक्ट्स सहित अन्य मदों में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक अनुदान मुहैया किया है. विश्व स्तर पर हमने 9.1 मिलियन आँखों की सर्जरी करवाई है। कैंपेन 100 एलसीआईएफ एम्पॉवरिंग सर्विस के लिए अगले तीन वर्षों में 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य रखा गया है. इस साल के लिए एलसीआईएफ भारत में केरल की बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए 500 घर भी बनवा रहा है।’’

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार भारत में अबतक 7.2 करोड़ लोग इससे पीड़ित हैं और 2025 तक ये आंकड़ा 13.4 करोड़ होने की संभावना है। और स्वस्थ जीवनशैली, सजगता और उचित समय पर इलाज से इस बीमारी को मात दी जा सकती है।
आप को बता दें 1980 में भारत में 1.19 करोड़ डायबिटीज के मरीज थे। 2016 में इनकी संख्या 6.91 करोड़ और 2017 में 7.2 करोड़ हो गई। 1980 (4.6 8.3 प्रतिशत) के मुकाबले 2014 ( 8.3 प्रतिशत) में डायबिटीज पीड़ित महिलाओं की संख्या में 80 फीसद बढोतरी हुई है। पिछले 17 साल में ये देश में सबसे तेजी से बढ़ती बीमारी है और 2030 तक देश में 15 करोड़ डायबिटीज मरीज होने का अंदेशा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *