गुलाम चिश्ती।

पड़ोसी देश बांग्लादेश की आतंकी घटनाओं ने पूर्वोत्तर राज्यों खासकर असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम की चिंताएं बढ़ा दी है। इन राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बांग्लादेश की सीमा से पांच आतंकियों के असम में घुसने की खबर से पूरे पूर्वोत्तर में हडकंप है। स्थानीय मीडिया में यह बात जोर-शोर से उठ रही है कि ढाका के बाद आईएस का अगला टारगेट गुवाहाटी हो सकता है। यहां यह बताना आवश्यक है कि बांग्लादेश में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में जमातुल-ए-मुजाहिदीन, बांग्लादेश (जेएमबी) की प्रमुख भूमिका है। इसी संगठन ने पश्चिम बंगाल में बर्द्धवान विस्फोट को अंजाम दिया था। इस संगठन से जुड़े लोगों की भारी संख्या में गिरफ्तारी निचले असम के बरपेटा, नलबाड़ी और चिरांग से हुई थी। यह संगठन प्रस्तावित बोडोलैंड में हुए अल्पसंख्यकों के नरसंहार के बाद अस्तित्व में आया था।

सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
वर्तमान स्थिति पर असम पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी का कहना है कि 2 अक्टूबर 2014 को बर्द्धवान जिले के खागड़ागढ़ के विस्फोट के बाद असम में मौजूद जमातुल-ए-मुजाहिदीन के सभी शिविरों को नेस्तनाबूद कर दिया गया है। आतंकी संगठन आईएस की असम में गतिविधियों के सिलसिले में पुलिस के हाथ कोई तथ्य नहीं है। डीजीपी मुकेश सहाय का भी यही कहना है। मगर पड़ोसी देश की परिस्थिति को देखते हुए राज्य के सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को खुफिया एजेंसियों से बेहतर तालमेल बिठाने और हर परिस्थिति पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया गया है। सीमा सुरक्षा बल के सूत्रों ने बताया कि हम बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) से भी संपर्क में हैं। पिछले दिनों बांग्लादेश से सटे धुबड़ी सीमाई क्षेत्र में बीएसएफ ने 11-12 संदिग्ध लोगों को पकड़ा था जिसके बाद से ही सीमाई क्षेत्र में अलर्ट जारी है।

सीमा क्षेत्र के सभी बॉर्डर आउटपोस्ट (बीओपी) में तैनात जवानों को सतर्कता बरतने और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने को कहा गया है। बीएसएफ के अधिकारी व जवान बीजीबी के शीर्ष अधिकारियों के संपर्क में हैं। हर औपचारिक व अनौपचारिक सूचनाओं का भी आदान-प्रदान किया जा रहा है। हर आने-जाने वाले पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है। ढाका आतंकी हमले को देखते हुए कोई भी संदिग्ध असम की सीमा में प्रवेश न पाए इसके लिए बीएसएफ विशेष सतर्कता बरत रहा है। बताते चलें कि भारत एवं बांग्लादेश के बीच 4,096 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है जो विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सीमा है। इसमें सबसे अधिक सीमा 2,217 किमी पश्चिम बंगाल से लगती है। इसी प्रकार त्रिपुरा से 856 किमी, मेघालय से 443 किमी, असम से 262 किमी और मिजोरम से बांग्लादेश की 180 किमी सीमा लगती है।

बीएसएफ के आईजी संदीप सालुंके का कहना है कि बीएसएफ ने बांग्लादेश में हमले के बाद सतर्कता और बढ़ा दी है। अगरतला में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जैसे ही ढाका में हमला हुआ बीएसएफ और त्रिपुरा पुलिस सहित सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया। शिलांग में बीएसएफ के महानिरीक्षक (मेघालय सीमांत) पीके दुबे ने बताया कि ढाका हमले के बाद बल को सीमा पर हाई अलर्ट पर रखा गया है। हमले की खबर आने के तुरंत बाद उन्होंने सहयोग और सूचना साझा करने के लिए मेघालय पुलिस के अधिकारियों से बात की।
सीमा से हिंदुओं का पलायन

ढाका की घटना से बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं में दहशत सबसे अधिक है। वे भारत में घुसने का प्रयास कर रहे हैं। इसका प्रमाण बीते दिनों मेघालय से सटी बांग्लादेश की सीमा पर मिला जब बीएसएफ ने पलायन कर भारत की हद में घुसने की कोशिश कर रहे 13 लोगों को गिरफ्तार किया। इन लोगों में 12 बंगाली हिंदू हैं।