देहरादून।उत्तराखंड में कांग्रेस की हरीश रावत के नेतृत्ववाली सरकार अपने विधायकों के विद्रोह के कारण संकट में आ गई है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के नेतृत्व में नौ विधायकों ने 70 सदस्यीय सदन में सरकार के खिलाफ जाने का ऐलान किया। दावा है कि विद्रोही विधायकों की संख्या 11 है। देर रात मिल रही रिपोर्ट के मुताबिक एक बसपा विधायक ने भी हरीश सरकार से नाराजगी जताई है। उधर भाजपा ने राज्यपाल के सामने विधायकों की परेड कराई। सामने आए नौ बागियों में हरक सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, अमृता रावत, शैला रानी रावत, कुँवर प्रणव चैम्पियन, उमेश शर्मा काउ, शैलेन्द्र मोहन सिंह सिंघल, सुबोध उनियाल, प्रदीप बत्रा हैं। हालांकि सरकार की ओर से इंदिरा हृदयेश ने दावा किया कि विद्रोही विधायकों ने भी सदन में सरकार का साथ दिया है और कल वह राज्यपाल के सामने तथ्य रखेंगी। हरीश रावत ने भी देर रात कहा कि भाजपा के पांच विधायक उसके संपर्क में हैं। भाजपा अपने समर्थक विधायकों को रात में ही दिल्ली लेकर जा रही है ताकि कांग्रेस इसमें सेंध न लगा सके। हरक सिंह रावत ने तो मंत्रिपद से इस्तीफा भी दे दिया। हरक के तेवर पहले से ही दिख रहे थे। कुछ दिन पहले ओपिनियन पोस्ट को दिए अपने इंटरव्यू में भी हरक ने सरकार और मुख्यमंत्री के काम की जमकर आलोचना की थी। नेशनल न्यूज मैगजीन ओपिनियन पोस्ट में प्रकाशित इंटरव्यू में हरक सिंह ने साफ साफ कहा था कि सरकार विधायकों के काम नहीं कर रही है।
देहरादून राजभवन पहुचे पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हरीश सरकार अब अल्पमत में आ गयी है इसलिए हरीश रावत को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिये, सरकार अगर बर्खास्त होती है तो बीजेपी करेगी सरकार बनाने का दावा पेश। हालांकि हरीश रावत का कहना है कि हमारे पास पूरा बहुमत है हम सदन में बहुमत साबित कर देंगे। उन्होंने कहा कि मुझे मीडिया से मालूम हुआ की हरक सिंह ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा है। पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मांग की कि हरीश सरकार को बर्खास्त किया जाए। इस खेल में स्पीकर की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। इसीलिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि स्पीकर और डिप्टी स्पीकर ने सदन को कलंकित किया। हम उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये हैं।