जयललिता की मौत के बाद मुख्यमंत्री बनने को आतुर शशिकला नटराजन (चिनम्मा) के सपनों पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेर दिया है। अब वह दस साल तक मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगी क्योंकि आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने शशिकला पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसी मामले में शशिकला के दो रिश्तेदार इलावरसी और सुधाकरण को भी कोर्ट ने दोषी पाया है और उन्हें भी चार साल की सजा सुनाई गई है।

उधर, शशिकला ने सरेंडर करने से पहले ईके पलानीस्वामी को एआईएडीएमके विधायक दल का अगला नेता बना दिया। पलानीस्वामी ने विधायकों के सपोर्ट का लेटर गवर्नर सी. विद्यासागर राव के पास भेज दिया। वहीं, शशिकला ने पन्नीरसेल्वम समेत 20 नेताओं को पार्टी से भी बर्खास्त कर दिया है। इनमें 12 सांसद और 8 विधायक शामिल हैं जिन्‍हें बाहर का रास्ता दिखाया गया है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ 21 साल पुराने 66 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने शशिकला और जयललिता को 2015 में बरी कर दिया था। कर्नाटक सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले की रात शशिकला उसी रिसॉर्ट में रुकीं, जहां शशिकला को समर्थन देने वाले विधायकों को ठहराया गया था। शशिकला ने रिसॉर्ट में 120 विधायकों के साथ मुलाकात की, जो करीब एक हफ्ते से यहीं बने हुए थे। शशिकला ने इनसे कहा था कि सब कुछ ठीक दिख रहा है। हम ही आगे सरकार चलाएंगे।

पन्नीरसेल्वम के बागी रुख अख्तियार करने के बाद शशिकला ने तमिलनाडु के गवर्नर सी विद्यासागर राव से निवेदन किया था कि वह जल्द से जल्द सीएम पद की कमान उनके हाथों में थमा दें. सोमवार को चेन्नई में समर्थकों की भीड़ को संबोधित करते हुए शशिकला ने कहा था, हमने पन्नीरसेल्वम जैसे हजारों देखे हैं। मैं डरती नहीं हूं।

समझें पूरा मामला
1991-1996 के बीच जयललिता के मुख्यमंत्री रहते समय आय से अधिक 66 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित करने के मामले में  सितंबर 2014 में बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने जयललिता, शशिकला और उनके दो रिश्तेदारों को चार साल की सजा और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इस मामले में शशिशकला को उकसाने और साजिश रचने की दोषी करार दिया गया था। लेकिन मई, 2015 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने जयललिता और शशिकला समेत सभी को बरी कर दिया था।

इसके बाद कर्नाटक सरकार, डीएमके और सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने की सुनवाई के बाद पिछले साल जून में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक सरकार की दलील थी कि हाईकोर्ट का फैसला गलत है और हाईकोर्ट ने बरी करने के फैसले में मैथमेेटिकल गलती की है। सुप्रीम कोर्ट को हाईकोर्ट के फैसले को पलटना चाहिए ताकि ये संदेश जाए कि जनप्रतिनिधि होकर भ्रष्टाचार करने पर कड़ी सजा मिल सकती है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले में मंगलवार को अन्नाद्रमुक की महासचिव वी.के. शशिकला और उनके तीन रिश्तेदारों को दोषी ठहराए जाने के बाद कार्यकारी मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले पार्टी के दूसरे गुट में खुशी है। द्रमुक और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया है।