तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की हाल में ही राष्‍ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। चीन को भारत और दलाई लामा की दोस्ती से खासा नाराज नजर आ रहा है।

उसने भारत की ताकत पर सवाल खड़े करते हुए सीख दी है कि जब चीन के आंतरिक मामलों में दखल देने से पहले अमेरिका को दो बार सोचना होता है तो फिर भारत की क्‍या बिसात है। खबरों के मुताबिक चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स ने भारत को बिगड़ैल बच्‍चा बताया है और कहा है कि भारत के पास महान देश बनने की क्षमता है लेकिन इस देश का विजन अदूरदर्शी है।

चीन ने इस मामले में मंगोलिया के हालिया प्रकरण का उदाहरण दिया है। बता दें कि दलाई लामा की मेहमान नवाजी कर चीनी गुस्सा झेलने के बाद मंगोलिया ने कहा है कि वह तिब्बती धर्म गुरु को दोबारा देश का दौरा करने की इजाजत नहीं देगा।

एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक त्सेंद का कहना था, दलाई लामा को अब किसी भी तरह की यात्रा के लिए इजाजत नहीं दी जाएगी, फिर चाहें वह धार्मिक यात्रा ही क्यों न हो। मुंख-ओर्गिल ने दलाई लामा की यात्रा के बाद चीन के साथ संबंधों में आई कड़वाहट के लिए खेद भी जताया है। उधर, चीन ने मंगोलिया के इस निर्णय का स्वागत किया है।

वहीं, दलाई लामा इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रपति से मिले थे। नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के चिल्ड्रंस फाउंडेशन के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दलाई लामा राष्ट्रपति भवन गए थे। चीन ने जब इसका विरोध किया था तो भारत ने उसे खारिज कर दिया था। तब भारत ने कहा था कि दलाई लामा सम्मानित नेता हैं और यह मुलाकात एक गैरराजनीतिक कार्यक्रम के दौरान हुई है।