बिहार में मंगलवार को पूर्णशराबंदी के फैसले पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बिहार में तत्काल प्रभाव से विदेशी शराब की खरीद और बिक्री पर पाबंदी कर दी गई है। इससे पहले बिहार में देशी शराब की खरीद और बिक्री पर पहले ही पाबंदी लगा दी गई थी। बताया जा रहा हे कि सिर्फ सेना की कैंटीन में ही शराब उपलब्ध होगी । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में आठ एजेंडों पर मुहर लगी है। इनमें से विदेशी शराब की बिक्री पर पूर्णत: रोक लगाना भी एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से कोई भी होटल और बार में शराब नहीं परोसी जाएगी और ना ही किसी को लाइसेंस दिया जाएगा। इस फैसले के बाद बिहार अब देश का चौथा राज्य हो गया है कि जहां शराब बेचना और खरीदना पूरी तरह से बंद है। गुजरात, नागालैंड और मिजोरम में इस तरह का कानून पहले से ही लागू है।

राज्य सरकार ने पूर्ण शराबबंदी की दिशा में कदम उठाते हुए पहले चरण के रूप में शुक्रवार को देसी शराब पर प्रतिबंध लगाया था, और मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि वह छह महीने के अंदर चरणबद्ध तरीके से शराब की बिक्री और सेवन पर पूरी तरह पाबंदी लगा देंगे। नीतीश कुमार ने कहा, “देसी शराब पर लगे प्रतिबंध के पहले चार दिन में ही यह सामाजिक आंदोलन बन गया है, शहरों में भी महिलाएं सरकारी शराब की दुकानों का विरोध कर रही हैं, जैसा हमने छह महीने में करने की योजना बनाई थी… और इसलिए मुझे लगता है, बिहार में सामाजिक परिवर्तन के लिए यह सही समय है…”

मुख्यमंत्री हमेशा से शराबबंदी के पक्ष में रहे हैं। यह उनके राजनैतिक एजेंडे का भी हिस्सा रहा है। उन्होंने पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव के दौरान महिला मतदाताओं से यह वादा भी प्रमुखता से किया था, और माना जाता है कि उन्हें तीसरी बार मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचाने में महिला मतदाताओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है।