नई दिल्ली।

आजादी के बाद संभवतः पहली बार भारतीय सेना में इतना बड़ा फेरबदल किया जाएगा, क्‍योंकि भारतीय सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए बड़े बदलाव की घोषणा की गई है। केंद्र सरकार ने 57 हजार भारतीय अफसरों और सैनिकों की तैनाती के मामले में संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के मद्देनजर फेरबदल किया है।

रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने पिछले 30 अगस्त को इसकी घोषणा की। इस कदम को डोकलाम विवाद के बाद की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि एक सवाल के जवाब में जेटली ने कहा, ‘ये किसी एक घटना से जुड़ा फैसला नहीं है। डोकलाम से पहले इसकी तैयारी चल रही थी। इन ‘दूरगामी’ सिफारिशों को लागू करने का काम तत्काल शुरू किया जाएगा।’

रक्षा मंत्रालय ने 29 अगस्त को यह फैसला लिया और 30 अगस्त को केंद्रीय मंत्रिमंडल को इसकी सूचना दी। सेना में इन सुधारों की सिफारिश सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल डीबी शेकटकर की कमेटी ने किया था। कमेटी ने सेना के पास उपलब्ध संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल से उसकी मारक क्षमता बढ़ाने के लिए 99 सुझाव दिए थे।

सेना की भाषा में इसे “टीथ टू ट्रेल रेशियो” कहते हैं जिससे सेना के हर जवान के लिए उपलब्ध संसाधन और सहायकों की संख्या का पता चलता है। रक्षा मंत्रालय ने सभी पक्षों से बातचीत के बाद शेकटकर कमेटी के 65 सुझाव मान लिए हैं।

रक्षा मंत्री के अनुसार फेरबदल की पूरी प्रक्रिया अभी से शुरू होकर 31 दिसंबर 2017 तक पूरी कर ली जाएगी। भारतीय सेना में करीब 12 लाख अफसर और जवान हैं। लागू की जाने वाली सिफारिशों में ब्रिटिश शासन से चली आ रही प्रणाली की पुनर्संरचना के काम जैसे- सिग्नल्स एवं इंजीनियरिंग कॉर्प्स और ऑर्डनेंस इकाइयों का पुनर्गठन, कुछ इकाइयों का विलय और मिलिट्री फॉर्म्स को बंद करना शामिल हैं।

सुधार की प्रमुख बातें

1- अंग्रजों के जमाने से चली आ रही सेना की कार्यप्रणाली को पूरी तरह से बदल दिया जाएगा, जिसमें सिग्नल्स एवं इंजीनियरिंग कॉर्प्स और ऑर्डनेंस इकाइयों का पुनर्गठन, कुछ इकाइयों का विलय तथा मिलिट्री फॉर्म्स को बंद करना शामिल है।

2- सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए और रक्षा पर होने वाले खर्च के पुनर्संतुलन पर जोर दिया जाएगा।

3- जंग में सीधे हिस्सा लेने वाले सैनिकों और उन्हें लॉजिस्टिक्स की आपूर्ति एवं अन्य मदद मुहैया कराने वाले सैनिकों के बीच के अनुपात (टूथ टू टेल रेशियो) में सुधार किया जाएगा।

4- सेना में विभिन्न कार्यों में लगे जवानों का बदली हुई परिस्थितियों में सर्वश्रेष्ठ उपयोग पर जोर दिया जाएगा।

5- सेना में 57 हजार जवानों,  जेसीओ और अन्य रैंक के कर्मचारियों की नए सिरे से तैनाती की योजना है।

6-राष्ट्रीय कैडेट कोर की क्षमता में सुधार किया जाएगा।

7-सेना में क्लर्कों और चालकों की भर्ती के लिए मानकों में भी सुधार किया जाएगा।

8-  सेना के 39 फार्म बंद किए जाएंगे, जिनमें से कुछ को बंद कर दिया गया है। इन जमीनों को डिफेंस एस्टेट ऑफिस में तब्दील किया जाएगा।

9 – वाहन डिपो,  आयुध डिपो और केंद्रीय आयुध डिपो समेत आयुध विभाग की फिर से तैनाती होगी।

10- सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी पर ज्यादा जोर दिया जाएगा। जैसा कि अमेरिका, रूस जैसी महाशक्तियों ने अपनी सेना के साथ किया है।