सुनील वर्मा
नई दिल्ली । अपने से एक साल वरिष्ठ और अनुभवी दो लोकप्रिय पुलिस अधिकारियों को पछाड़कर अमूल्य पटनायक दिल्ली पुलिस के नए मुखिया बन गए है। गृह मंत्रालय ने आज उनके नियुक्ति आदेशों पर हस्ताक्षर कर दिए । वे कमिश्नर आलोक वर्मा के सीबीआई निदेशक का चार्ज लेने के वक़्त दिल्ली पुलिस कमिश्नर की कुर्सी संभालेंगे । बताया जा रहा है की वर्मा 1 फरबरी के बाद किसी भी दिन ने पद का भार संभाल सकते है ।
बता दें कि दिल्ली पुलिस के कमिश्नर आलोक वर्मा के सीबीआई डायरेक्टर बनने की पीएमओ से पुष्टि हो जाने के बाद दिल्ली पुलिस के अधिकारियों में कमिश्नर पद के लिए रेस शुरू हुई थी जिसमे तीन अधिकारी शामिल थे और गृह मंत्रालय में नए पुलिस कमिश्नर की कुर्सी पाने के लिए जबरदस्त लॉबिंग हो रही थी ।
दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर की रेस में थे ये अधिकारी
dp-comजानकारी के मुताबिक 27 जनवरी को दिल्ली के नए पुलिस कमिश्नर के लिए तीन अफसरों के नाम के नाम गृह मंत्रालय को भेजे गए थे । नए कमिश्नर के लिए 1984 बैच के धर्मेंद्र कुमार, दीपक मिश्रा और 1985 बैच के अमूल्य पटनायक के नाम सबसे ज्यादा चर्चा में थे । 1982 बैच के आईपीएस जे. के. शर्मा और 1984 बैच के ए. के. सिंह इनसे वरिष्ठ जरूर है मगर विजिलैंस की मंजूरी के कारण इन्हें डायरेक्टर जनरल रैंक नहीं मिली है। इनके खिलाफ कुछ जाँच अभी तक लंबित है । लिहाजा इसी वजह से इन दोनों के नाम पर कमिश्नर के लिए विचार नहीं किया जा सका । 1984 बैच में कर्नल सिंह भी इनसे वरिष्ठों की सूची में हैं, लेकिन वह ईडी के डायरेक्टर हैं और इसी साल अगस्त में रिटायर होने वाले हैं। हालाँकि अगर सरकार वरिष्ठता पर फैसला करती तो धर्मेंद्र कुमार कमिश्नर बनते । लेकिन सूत्रों की माने तो गृह मंत्रालय में गैर बिहारी अफसरों की एक बड़ी लॉबी जहाँ दीपक मिश्रा और धर्मेंद्र कुमार के विरोध तथा अमूल्य पटनायक के पक्ष में दबाव बना रही थी। उन्हीं का नाम गृह मंत्रालय में मजबूती से आगे बढ़ा भी । दीपक मिश्रा और धर्मेंद्र कुमार दोनों के ही खिलाफ गृहमंत्रालय में सर्विस के दौरान कई शिकायतें हुई लेकिन पटनायक का रिकॉर्ड को बेदाग पाया गया । रामलीला मैदान में रामदेव के धरने के दौरान बतौर स्पेशल कमिश्नर लाठीचार्ज कराने के आदेश देने वाला अफसर होने के कारण गृहमंत्रालय ने धर्मेंद्र कुमार को पुलिस कमिश्नर बनने लायक नहीं माना । बाबा रामदेव ने धर्मेंद्र कुमार पर तब राजनीतिक दबाव में यह कदम उठाने का आरोप लगाया था । वहीँ दीपक मिश्रा भी निजी जिंदगी से जुडी शिकायतों को लेकर दिल्ली पुलिस का मुखिया बनने से चूक गए ।
फिलहाल पटनायक दिल्‍ली पुलिस में स्‍पेशल कमिश्‍नर(जनरल एडमिनिस्‍ट्रेशन) के पद पर तैनात हैं। ओडिशा के रहने वाले पटनायक के नाम कई महत्‍वपूर्ण उपलब्धियां दर्ज हैं। जब वे जॉइंट कमिश्‍नर ऑफ पुलिस ऑपरेशन रहे तब क्राइम इन्‍वेस्टिगेशन नई ऊंचाइयों पर पहुंचा। मुंबई ब्लास्ट केस में दो लाख के आरोपी बदमाश को अरेस्ट करने का श्रेय उन्हीं को जाता है। इसके अलावा सरिता विहार में स्कूली बच्ची की किडनैपिंग केस को उन्होंने 12 घंटों के भीतर हल कर कुख्यात असगर गैंग के गैंगस्टरों मोहन उर्फ डॉन और महक सिंह को गिरफ्तार किया था।