राजनीति में कोई संबंध स्थायी नहीं होता. सालों की दोस्ती दुश्मनी में बदल जाती है, तो सालों तक एक-दूसरे के विरोध में खड़े रहे लोग भी गले मिल लेते हैं. सालों तक एक- दूसरे की आलोचना करने वाली सपा और बसपा के बीच गठबंधन हो जाता है, तो साढ़े चार साल एनडीए में मंत्री रहे उपेंद्र कुशवाहा विरोध में खड़े हो जाते हैं. अब ऐसी ही चर्चा बिग बी यानी अमिताभ बच्चन के बारे में हो रही है. गांधी-बच्चन परिवार की नजदीकियों और उसके बाद के मनमुटाव के बारे में तो खूब चर्चाएं हुईं, लेकिन अब माना जा रहा है कि एक बार फिर अमिताभ बच्चन नेहरू परिवार के नजदीक आने वाले हैं. मीडिया में आई एक खबर के मुताबिक, प्रियंका गांधी ने अमिताभ बच्चन के साथ मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि दोनों परिवारों के बीच संबंध सुधरने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. प्रियंका गांधी की अमिताभ बच्चन के साथ मुलाकात ऐसे समय में हुई, जब प्रियंका ने सक्रिय राजनीति में आने का मन बना लिया था. अमिताभ से मुलाकात के कुछ दिनों बाद ही प्रियंका को कांग्रेस का महासचिव बनाने की घोषणा की गई. चर्चा यह चल रही है कि कहीं प्रियंका अमिताभ बच्चन को भी कांग्रेस के समर्थन में लाने की तैयारी में तो नहीं हैं.
गौरतलब है कि पहले गांधी और बच्चन परिवार के बीच काफी करीबी रिश्ते रहे हैं. दोनों परिवारों में जवाहर लाल नेहरू, हरिवंश राय बच्चन, तेजी बच्चन के जमाने से प्रगाढ़ता रही है. अमिताभ ने भी कई मौकों पर मजबूती से इस परिवार का समर्थन किया. इमरजेंसी के दौरान संजय गांधी के कई कामों पर चुप्पी साधे रहने के लिए अमिताभ की खूब आलोचना हुई थी.
वह बचपन से ही राजीव गांधी के करीबी मित्र थे. बाद में वह कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद से चुनाव भी लड़े और सांसद बने. बाद में बोफोर्स कांड को लेकर काफी आलोचना और बदनामी को देखते हुए उन्होंने राजनीति छोड़ दी. हाल के दिनों में अमिताभ प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के करीब हो गए थे. उन्होंने गुजरात सरकार के लिए कई विज्ञापन किए. लेकिन, अब माना जा रहा है कि वह मोदी सरकार से दूरी बनाने लगे हैं. जानकारी के मुताबिक, पिछले एक साल से गांधी और बच्चन परिवार के बीच रिश्तों के तार फिर से जोडऩे की कोशिश हो रही है, जो प्रियंका की मुलाकात के बाद कामयाब होती दिख रही है.
Very interesting topic, regards for posting. “Not by age but by capacity is wisdom acquired.” by Titus Maccius Plautus.