टेलीकॉम बाजार में रिलायंस जियो के आने के बाद मची उथल पुथल से खुद को बचाने के लिए टेलीकॉम कंपनियां अब विलय-अधिग्रहण पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। इसके तहत छोटी कंपनियां या कम ग्राहक आधार वाली कंपनियां अपना कारोबार बड़ी कंपनियों को बेच रही हैं। वोडाफोन और आइडिया के विलय के बाद अब एयरटेल और टाटा डोकोमो का विलय होने जा रहा है। यह सौदा लगभग मुफ्त में होगा और एयरटेल को टाटा के कर्ज का भी भुगतान नहीं करना होगा। टाटा समूह इसका भुगतान खुद करेगा।

प्रस्तावित सौदे के तहत टाटा टेलीसर्विसेज (टीटीएसएल) व टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र (टीटीएमएल) के चार करोड़ से अधिक ग्राहक भारती एयरटेल को मिल जाएंगे। दुनिया के सबसे बड़े दूरसंचार बाजारों में से एक भारत में इस सौदे को एकीकरण का एक और मजबूत संकेत माना जा रहा है। विश्लेषकों का भी मानना है कि इस सौदे से इस प्रक्रिया को और बल मिलेगा।

इस सौदे से एयरटेल को न सिर्फ रिलायंस जियो से बल्कि आइडिया के विलय के बाद वोडाफोन से मिल रही चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। टेलीकॉम इंडस्ट्री के संगठन सेल्युलर अॉपरेटर एसोसिएशन के डायरेक्टर जनरल राजन मैथ्यू ने कहा कि यह उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है। खासतौर से 4जी सर्विस के मामले में टाटा डोकोमो के उपभोक्ताओं को काफी फायदा होगा क्योंकि एयरटेल 4जी उपभोक्ताओं के लिए हाल ही में नए अॉफर लेकर आई है।

एयरटेल टाटा टेली के सिर्फ कंज्यूमर मोबाइल बिजनेस ही लेगी। टाटा टेली का एंटरप्राइज बिजनेस टाटा कम्युनिकेशंस को देने का विचार है। फिक्स्ड लाइन और ब्रॉडबैंड बिजनेस टाटा स्काई को ट्रांसफर होगा। टावर कंपनी वायोम में टाटा की 32.8 फीसदी हिस्सेदारी बनी रहेगी।

भारती एयरटेल, टाटा संस, टीटीएसएल व टीटीएमएल के बोर्डों ने इस सौदे को मंजूरी दे दी है।सौदे के बारे में नियामकीय मंजूरी ली जानी अभी बाकी है। दोनों कंपनियों ने एक साझा बयान जारी कर कहा है कि यह सौदा कोई ऋण नहीं-कोई नकदी आधार पर नहीं किया गया है। यानी एयरटेल इसमें टाटा टेलीसर्विसेज के 40,000 करोड़ रुपये के कर्ज में कोई हिस्सेदारी नहीं करेगी और न ही नकदी का भुगतान करेगी। यहां तक कि टीटीएसएल द्वारा खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए 9,000-10,000 करोड़ रुपये के विलंबित भुगतान में से 70-80 प्रतिशत हिस्से का भुगतान भी टाटा ही करेगी।

भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने इस सौदे को भारतीय मोबाइल उद्योग के सुदृढ़ीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण घटनाक्रम करार दिया है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त स्पेक्ट्रम अधिग्रहण से आकर्षक कारोबारी बल मिलेगा। वहीं, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि यह समझौता टाटा समूह व इसके भागीदारों के लिए श्रेष्ठ व सबसे बेहतर समाधान है। उन्होंने कहा है कि अनेक विकल्पों पर विचार के बाद एयरटेल के साथ यह समझौता किया गया है। इस विलय से 1800, 2100 व 850 मेगाहर्ट्ज बैंड में भारती एयरटेल का स्पेक्ट्रम पूल 178.5 मेगाहर्ट्ज बढ़ेगा।

नहीं जाएगी कर्मचारियों की नौकरी 
टाटा डोकोमो के कर्मचारियों को भी इस विलय से फायदा होगा। इससे पहले खबर आ रही थी कि टाटा टेलीसर्विसेज 5,000 कर्मचारियों को बाहर निकालने का मन बना चुकी है। कंपनी ने पुराने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की घोषणा की थी। इनमें से कई को छह महीने का वेतन देकर निकालने का प्लान भी  शामिल था।