अजय विद्युत

रिलायंस जियो ने सभी कंपनियों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा कर दिया है। अभी भी प्रीपेड प्राइम कस्टमर को वह 399 रुपये में 84 दिनों के लिए असीमित कॉलिंग की सुविधा दे रहा है जिसमें मोबाइल या लैंडलाइन पर लोकल/एसटीडी और रोमिंग के दौरान इनकमिंग व आउटगोइंग कॉलें शामिल हैं। इसके अलावा रोज एक जीबी डाटा और 100 लोकल/नेशनल एसएमएस भी उपभोक्ता को मिलते हैं। इसे फुटकर में देखें तो 28 दिनों के लिए प्रभावी मूल्य 133 रुपये पड़ता है।

वोडाफोन ने जियो का मुकाबला करने के लिए 392 रुपये का रिचार्ज प्लान बाजार में उतारा है। इसमें 28 दिन के लिए अनलिमिटेड लोकल व एसटीडी कॉल व रोमिंग में इनकमिंग फ्री है। हर दिन एक जीबी 3जी/4जी डाटा मिलेगा। इसमें तीन कमियां हैं जियो के मुकाबले। एक- रोमिंग पर इनकमिंग फ्री नहीं। दो- एसएमएस फ्री नहीं। तीन- कीमत तीन गुना ज्यादा।

अब देखते हैं एयरटेल की सौगातें। 399 रुपये वाले 28 दिन अवधि के प्लान में जियो के प्लान की सभी खूबियां समाहित हैं, सिवा फ्री एसएमएस के। यानी रोज सौ एसएमएस का घाटा और कीमत तीन गुना ज्यादा। एयरटेल के 349 रुपये के प्लान में रोमिंग के दौरान आउटगोइंग फ्री नहीं है। शायद यह उन लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया जो बाहर नहीं जाते।

बीएसएनएल ने भी जियो को इस बार मजबूती से टक्कर देने की ठानी है। उसने 429 रुपये का प्लान निकाला है जो 90 दिनों के लिए है। यानी हर महीने 143 रुपये के खर्च में असीमित लोकल और एसटीडी कॉल और एक जीबी हाईस्पीड 3जी डाटा रोज। लेकिन इसमें भी कुछ पेंच हैं। जियो की तरह रोमिंग पर आउटगोइंग फ्री नहीं है। सौ मुफ्त एसएमएस से भी वंचित होना पड़ेगा। डाटा 3जी है।

कुल मिलाकर रिलायंस जियो की चुनौती से निपटने में सभी मोबाइल नेटवर्किंग ऑपरेटरों को पसीने छूट रहे हैं। जियो ने कस्टमर के लिए जो ऑफर बरसाये हैं उन्हें पूरा का पूरा छू पाना किसी भी मोबाइल कंपनी के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा दिख रहा है। लेकिन इसके बावजूद यदि बाकी मोबाइल कंपनियों के कस्टमर बड़ी संख्या में उनके साथ बने हुए हैं तो इसका एकमात्र कारण यह है कि जियो की सुविधाओं का लाभ 4जी वीओएलटीई हैंडसेट वाले उपभोक्ता ही उठा सकते हैं। साथ ही जियो की वायस कॉल में आने वाली दिक्कतें अभी पूरी तरह दूर नहीं की जा सकी हैं। अब 1500 का जियोफोन बाकी कंपनियों के बाकी कस्टमरों में कितनी सेंध लगा पाता है इसे देखना दिलचस्प होगा।

अब तक तमाम कंपनियां अपने नेटवर्क को लेकर जियो पर भारी पड़ती थीं। लेकिन अब तमाम कंपनियों की वायस और डाटा सेवाओं के स्तर में गिरावट आई है। फोन कटना, कॉल मुश्किल से मिलना, डाटा स्पीड में कमी या बाधा- अब घर घर की कहानी है। फर्क इतना है कि कोई यहां कोई वहां। कोई कंपनी दावा नहीं कर सकती कि उसका सभी राज्यों में नेटवर्क एकदम चाक चौबंद है। उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान भ्रमण के दौरान देखने में आया कि हर जगह अलग अलग दो तीन कंपनियों का नेटवर्क ही सही काम करता है।