नई दिल्‍ली।

पैन यानी परमानेंट एकाउंट नंबर और आधार नंबर को लिंक कराने के आदेश पर तरह तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। इसलिए यह जरूरी हो गया है कि आदेश को ठीक से समझें और उसके अनुसार अपनी धारणा बनाएं। सरकार ने बुधवार को संशोधित आय कर नियमों को अधिसूचित कर दिया, जिसके अंतर्गत मौजूदा आधार नंबर को पैन नंबर के साथ जोड़ना अनिवार्य होगा।

देश में टैक्स कलेक्शन को बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स विभाग ने रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार से लिंकिंग को अनिवार्य कर दिया है। इस लिंकिंग के बाद टैक्स चोरी को रोकना आसान हो जाएगा। लेकिन सरकार जब भी आधार कार्ड पर कुछ करती है, सोशल मीडिया पर उसका विरोध हो जाता है। विरोध करने वाले आमतौर पर यही कहते हैं कि आधार कार्ड गैरकानूनी है। दरअसल, डेडा लीकेज के डर से भी आधार कार्ड का विरोध होता है। इसलिए आधार के लिए बेहतर सुरक्षा उपायों की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट ने 9 जून को पैन कार्ड के आवेदन और आईटीआर फाइलिंग के लिए आधार कार्ड को कानूनी रुप से अनिवार्य बनाने का समर्थन किया था, लेकिन इसमें उन लोगों को छूट दी गई थी जिनके पास फिलहाल आधार कार्ड नहीं है। ऐसे में वे लोग जिनके पास आधार कार्ड है उनको हर हाल में इसे पैन कार्ड के साथ लिंक कराना होगा। लेकिन जिन लोगों ने आधार के लिए एनरोल्मेंट नहीं करवाया है और जिन लोगों को अभी आधार कार्ड नहीं मिला है उनको इस अनिवार्यता से फिलहाल के लिए छूट दी गई है।

यानी उन्हें पैन कार्ड से आधार को लिंक न कराने की सूरत में जुर्माना नहीं देना होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पैन कार्ड के आवेदन और आईटीआर फाइलिंग के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता को तय करने वाले नए प्रावधानों पर आंशिक रुप से स्टे लगा दिया है। यह स्थिति तब तक रहेगी जब तक कि इसकी संविधान पीठ इससे जुड़े गोपनीयता के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं कर लेती है।

इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 139एए इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के लिए और पैन कार्ड के आवेदन के लिए आधार एवं आधार एप्लीकेशन फॉर्म की एनरोल्मेंट आईडी के उल्लेख को अनिवार्य बनाता है। यह अनिवार्यता 1 जुलाई से लागू हो रही है।

देश में 24.37 करोड़ से अधिक पैनकार्ड हैं और 113 करोड़ से ज्यादा लोगों का आधार कार्ड बनाया जा चुका है। इनमें से महज 2.87 करोड़ लोगों ने 2012-13 के दौरान टैक्स रिटर्न जमा किया था। इन 2.87 करोड़ लोगों में 1.62 करोड़ लोगों ने टैक्स रिटर्न दाखिल तो किया लेकिन टैक्स में एक भी रुपये का भुगतान नहीं किया। ऐसा इसलिए कि बड़ी संख्या में लोग टैक्स चोरी करते हैं या टैक्स देने से बच जाते हैं।