फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए धीरे-धीरे सरकार हर जरूरी दस्तावेज को आधार से लिंक करती जा रही है। इसी कड़ी में सरकार अब ड्राइविंग लाइसेंस को भी आधार कार्ड से लिंक करने जा रही है। केन्द्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सरकार के इस कदम का मकसद फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने पर रोक लगाना है।

आधार कार्ड से जुड़े होने की वजह से आपके सारे बॉयोमैट्रिक डिटेल सरकारी एजेंसियां ड्राइविंग लाइसेंस से पता कर सकेंगी। इस वजह से अगर कोई शख्स दो ड्राइविंग लाइसेंस बनाना चाहता है तो उसकी चोरी पकड़ी जाएगी। रविशंकर प्रसाद ने एक कार्यक्रम में सरकार के इस प्रस्तावित फैसले की जानकारी देतु हुए कहा, ‘हम लोग ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से लिंक करने पर विचार कर रहे हैं, मैंने इस बारे में नितिन गडकरी से बात की है।’ नितिन गडकरी इस वक्त केन्द्र भूतल परिवहन मंत्री हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केन्द्र सरकार अगले महीने इस प्रस्ताव को अमली जामा पहना सकती है। बता दें कि पहले अगर किसी का ड्राइविंग लाइसेंस ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन या फिर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने पर रद्द कर दिया जाता था तो ऐसे लोग देश के दूसरे इलाके से फिर ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लेते थे और अपनी पहचान छुपाने में कामयाब हो जाते थे। लेकिन आधार नंबर का बॉयोमैट्रिक डिटेल ऐसी हर धोखाधड़ी पर रोक लगाने में सफल हो सकेगा।

एक रिपोर्ट के मुताबिक केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर काम करना शुरू कर दिया है और इसके लिए कानूनी प्रावधानों में जरूरी बदलाव किये जा रहे हैं। चूंकि ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना राज्य का मामला है इसलिए केन्द्र सभी राज्यों से अपील करेगा कि वो इस सुरक्षित सिस्टम को अपनाएं। इससे पहले सरकार मोबाइल नंंबर, पैन कार्ड, बैंक खाता, पासपोर्ट और राशन कार्ड को आधार से लिंक करने को अनिवार्य बना चुकी है।