पं. भानुप्रतापनारायण मिश्र
शनि के धनु राशि में प्रवेश करने से किस राशि पर शनि की साढ़ेसाती और ढैया शुरू होगी, किन राशियों पर से उतरेगी, यह प्रश्न बहुत से लोगों के मन में उठ रहा होगा। टीवी चैनलों और समाचार पत्रों में इसे लेकर चर्चा होनी शुरू भी हो गई है।
शनि की साढ़ेसाती को संस्कृत में बृहत कल्याणी और उनकी ढैया को लघु कल्याणी कहते हैं। जिनकी जन्मराशि तुला, वृश्चिक और धनु है वे शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव में हैं। बृहस्पतिवार 26 जनवरी की देर शाम 7 बजकर 31 मिनट से शनि शत्रु मंगल की वृश्चिक राशि को छोड़कर देवगुरू बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश करेंगे जिससे मकर राशि वालों की साढ़ेसाती और वृष, कन्या राशि वालों की शनि की ढैया शुरू हो जाएगी। तुला वाले साढ़ेसाती और मेष तथा सिंह राशि वाले शनि की ढैया से मुक्त होंगे। सावधान वे रहें जिनका शनि जन्मकुंडली में नीच राशि मेष में है।
शनि न्यायप्रिय ग्रह है। प्रसन्न हो जाए तो राज्य से लेकर प्रसिद्धि प्रदान करते हैं। यह एक राशि में ढाई साल रहते हैं। भविष्य पुराण में पिप्पलाद मुनि की कथा है। इसका नियमित पाठ करें तो शनि महाराज शुभ फल प्रदान करेंगे। गणेश चतुर्थी का व्रत और हनुमान चालीसा का लगातार 7 बार पाठ करने से भी शनि खराब फल नहीं देते हैं। शुक्र, बुध, राहु इनके परम मित्र हैं।
आइए जानते हैं शनि का प्रभाव चंद्र राशि के अनुसार-
मेष-धन की कमी से कार्यों में बाधा आ सकती है। धार्मिक कार्यों में रूकावट आ सकती है। पिता तुल्य आदमी की मौत या सेहत खराब होने की आशंका रहेगी। परिवारजनों में उग्र मतभेद हो सकते हैं।
वृष-संतान से कष्ट हो सकता है। किसी करीबी की मौत से दुखी हो सकते हैं। अचानक धन हानि की आशंका रहेगी। रोजगार में बाधा आ सकती है। सेहत खराब हो सकती है।
मिथुन-जीवनसाथी से कष्ट, सेहत भी खराब हो सकती है। बेकार की यात्राएं। अनजाना भय रहेगा। किसी से धोखा मिल सकता है।
कर्क-शत्रु पराजित होंगे। सुख में बढ़ोतरी होगी। नौकरीपेशा लाभ में रहेंगे। विध्न बाधा समाप्त हो सकती है। पदोन्नति मिल सकती है।
सिंह-बुद्धि भ्रम से धन का नुकसान हो सकता है। उच्च शिक्षा में बाधा आ सकती है। संतान से कष्ट मिल सकता है।
कन्या-जीवनसाथी से मतभेद हो सकता है। धन की कमी से परिवारजनों को कष्ट हो सकता है। रिश्तेदारों और भाइयों से विरोध हो सकता है। वाहन दुर्घटना की आशंका रहेगी।
तुला-अच्छी नौकरी मिल सकती है। मकान और वाहन की प्राप्ति की प्रबल संभावना रहेगी। कुंवारे विवाह कर सकते हैं। संतान आदि की प्राप्ति होगी।
वृश्चिक-संतान को कष्ट हो सकता है। फिजूल के कार्यों में धन हानि। रोजगार में बाधा आ सकती है। परिवार में कलह हो सकती है।
धनु-बीमारी आदि से कष्टपूर्ण जीवन। मृत्यु तुल्य कष्ट की आशंका रहेगी। धन का नाश हो सकता है।
मकर-फिजूल की भागदौड़ से धन की हानि की आशंका रहेगी। विध्न-बाधा आ सकती है। जीवनसाथी और संतान को लेकर चिंता रहेगी।
कुंभ-प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी संभव। पुरस्कार मिल सकता है। पदोन्नति हो सकती है। अनायास धन मिलेगा। नए कार्य में सफलता मिल सकती है।
मीन-प्रतिष्ठा में कमी हो सकती है। बीमारी आदि की आशंका रहेगी। व्यापार में असफलता की आशंका रहेगी।