लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी से गठबंधन की स्थिति स्पष्ट होते ही कांग्रेस ने अपने 41 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। इसमें बाहरी नेताओं का दबदबा दिखा और प्रदेश के बड़े नेताओं के चहेतों को तरजीह दी गई है। माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन के पीछे प्रियंका की अहम भूमिका रही है, जिसकी पुष्टि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने भी की है।

प्रियंका गांधी, राहुल गांधी की बहन हैं। उन्‍होंने अभी तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है,  लेकिन वह अपनी मां सोनिया और भाई राहुल गांधी के लिए चुनावों में प्रचार करती रही हैं। टिकट बंटवारे में दागियों से परहेज न करते हुए पुराने लोगों को हाशिये पर ला दिया गया है। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को विधानसभा की जंग में उतारने का फैसला भी चौंकाने वाला रहा।

कांग्रेस की पहली सूची में प्रथम और द्वितीय चरण की उन सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए गए जहां पिछले चुनाव में वह पहले या दूसरे स्थान पर थी। हाईकमान ने माहौल को बनाने के लिए शाहजहांपुर जिले की तिलहर सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रयास को मैदान में उतार दिया। कांग्रेस के इस कदम के बारे में लोगों का मानना है कि जितिन को आने वाले दिनों में प्रदेश में कांग्रेस अपना चेहरा भी बना सकती है।

उधर, सहारनपुर में इमरान मसूद को मर्जी के प्रत्याशी उतारने की छूट देकर सियासी कद में इजाफा भी किया है। इमरान खुद नकुड़ सीट पर चुनाव लडेंग़े लेकिन बेहट से नरेश सैनी की उम्मीदवारी को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। देवबंद सीट पर उप चुनाव में विजयी रहे माविया अली का कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी के निशान पर चुनाव मैदान में उतरने को मसूद खेमे को झटका माना जा रहा है।

बड़े नेताओं की पसंद होने के कारण लगातार चुनाव हार रहे रमेश धींगड़ा को मेरठ छावनी का टिकट फिर थमाने से कार्यकर्ता हैरान हैं। इसी तरह मेरठ दक्षिण से मोहम्मद आजाद सैफी की उम्मीदवारी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। वहीं पार्टी कार्यक्रमों से किनारा किए रहने वाले समीर भाटी को टिकट मिलना भी चर्चा में है।

बाहरी नेताओं को टिकट थमाने में भी कांग्रेस ने कोई तंगदिली नहीं दिखाई। विवादों में घिरे होने के कारण सपा से टिकट गवां चुके कुलदीप उज्ज्वल को कांग्रेस में रातोंरात शामिल करा देने व बागपत से उम्मीदवार घोषित करने से स्थानीय कार्यकर्ताओं में आक्रोश है।

इसी तरह एक सप्ताह पहले बसपा से टिकट कटने के बाद कांग्रेस में शामिल साहिबाबाद के अमरपाल शर्मा को भी आते ही टिकट थमा दिया गया। आगरा दक्षिण में नजीर अहमद के समर्थकों में कांग्रेस का टिकट मिलने से हैरानी है। बसपा से हाल में आए अनीस अहमद उर्फ फूल बाबू को भी उम्मीदवार बना दिया गया तो लोनी में शेर नबी चमन और शिकारपुर में उदयकरन दलाल जैसे नए चेहरों पर दांव लगाया गया है।