गिलगित। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निशाना सटीक बैठा है। उन्‍होंने लाल किले की प्राचीर से पाकिस्‍तान को जो संदेश दिया था, उसकी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। शायद यही वजह है कि उनके हमले से बौखलाए पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ ने भारत का नाम लिए बगैर निपट लेने की धमकी दी है। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल राहिल शरीफ ने कहा है कि देश के दुश्मनों को हम अच्छी तरह से पहचानते हैं और उसकी चालों से निपटने के लिए तैयार हैं। गिलगित में बृहस्‍पतिवार को चीन-पाकिस्तान कॉरिडोर देखने आए शरीफ से मीडिया ने नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त पर दिए गए उस बयान पर रिएक्शन मांगा था, जिसमें मोदी ने गिलगित और बलूचिस्तान का जिक्र किया था।

पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ के मुताबिक, राहिल शरीफ से मीडिया ने नरेंद्र मोदी के बयान और रॉ के बारे में सवाल किए थे। इस पर पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने भारत का नाम लिए बिना कहा, “हम अपने दुश्मन और उसकी चालों को अच्छी तरह समझते हैं और उनसे निपटने के लिए तैयार हैं।” गिलगित-बाल्तिस्तान में ही चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर बन रहा है। शरीफ इसे देखने आए थे और उन्होंने यहां एक सेमिनार में स्पीच भी दी।

शरीफ ने कहा, “पाकिस्तान की सरहदें पूरी तरह महफूज हैं। मुझे उम्मीद है कि देश सही दिशा में बढ़ रहा है। इस कॉरिडोर को भी हम पूरी सुरक्षा देंगे।” राहिल ने गिलगित-बाल्तिस्तान के लोगों का भरोसा जीतने की कोशिश करते हुए कहा कि चीन इस इलाके के विकास के लिए ही काम कर रहा है। यहां के लोगों को पाकिस्तानी आर्मी को अपनी ही आर्मी समझना चाहिए। आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन जर्ब-ए-अज्ब का जिक्र करते हुए शरीफ ने कहा, “दुनिया भले ही कुछ भी कहती रहे, लेकिन हम सर्वाइवल की जंग लड़ रहे हैं। हमारी आर्मी जो कर रही है, वह किसी दूसरे देश की आर्मी ने नहीं किया।”

बलूचिस्तान के एक नेता समद बलूच ने राहिल के बयान पर समा टीवी से कहा, “इतने दिनों बाद पाकिस्तान आर्मी चीफ का गिलगित-बाल्तिस्तान जाना और वहां से इस अंदाज में बात करना बहुत कुछ कहता है।” समद ने कहा, “मोदी के 15 अगस्त के भाषण के बाद हमें हैरानी हो रही थी कि पाकिस्तान आर्मी चुप क्यों है। अब लगता है मोदी का तीर सही निशाने पर बैठा है। वह पाकिस्तान आर्मी को ही तो संदेश देना चाहते थे।”

मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था, ”पिछले कुछ दिनों में बलूचिस्तान, गिलगित, पाक के कब्जे वाले हिस्से के लोगों ने मुझे बहुत-बहुत धन्यवाद दिया है। मेरा आभार व्यक्त किया है। मेरे प्रति सद्भावना जताई है।दूर-दूर बैठे लोग हैं। जिस धरती को मैंने देखा नहीं, जहां के लोगों से कभी मुलाकात नहीं हुई, वे प्रधानमंत्री का आदर करते हैं तो ये मेरे सवा सौ करोड़ देशवासियों का सम्मान है। मैं गिलगित, बलूचिस्तान और पाक के कब्जे वाले कश्मीर के लोगों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।”