भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक मेसेज का हवाला देते हुए कहा कि दयाशंकर सिंह के बयान का बचाव कोई भी नहीं कर सकता लेकिन भिन्न दलों के नेताओं के आपत्तिजनक बयानों की तो लंबी फेहरिस्त है। क्या किसी पार्टी ने उन नेताओं को पार्टी से निकाला या कोई अन्य कार्यवाही की।

मायावती को अपशब्द कहने वाले दयाशंकर का कैरियर खत्म… लेकिन महिलाओं को टंच माल कहने वाले दिग्विजय 15 साल तक कांग्रेस प्रवक्ता… हेमा मालिनी जी के गाल देखने वाले लालू प्रसाद जी कई बार बिहार के मुख्यमंत्री। गलती सबने की हैं तो सजा सबको दो…

अब इन बयानों को देने वाले नेताओं की वाणी पर गौर फरमाइए-
अब कपड़ा मंत्रालय मिला है, स्मृति मैडम अपना तन ढक सकेंगी
-अली अनवर, जेडीयू
साउथ की महिलाओं का रंग भले ही सांवला होता है, मगर वो सेक्सी होती हैं
—शरद यादव, जेडीयू
दो लड़के मिलकर एक लड़की का रेप कर ही नहीं सकते
लड़कों से गलतियां हो जाती हैं—मुलायम सिंह यादव, एसपी

रामपुर में नाचने वाली आम्रपाली (जयाप्रदा) भी सांसद बन गई थी—आजम खान, एसपी

बिहार की सड़कें हेमामालिनी के गाल की तरह बना देंगे—लालू प्रसाद यादव, आरजेडी
स्मृति ईरानी मोदी की दूसरी पत्नी हैं—नीलमणि सेन डेका, कांग्रेस नेता, असम
बीवी पुरानी हो जाए तो मजा नहीं देती—श्रीप्रकाश जायसवाल, कांग्रेस

इनमें से कितने नेताओं को पार्टी से निकाला गया, कितनों के पद छीने गए? जो नारी का सम्मान न करे गोली मार दो। लेकिन मारो तो सबको मारो। फिर दलित और अल्पसंख्यक का चश्मा आंख पर न रहे।