काबुल। अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई। धमाके जिस जगह पर हुए वहां हज़ारा समुदाय के हज़ारों लोग प्रदर्शन कर रहे थे। चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। इस्लामिक स्टेट से जुड़ी अमाक़ न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक दो लड़ाकों ने काबुल में “शिया समुदाय की भीड़ में विस्फोटकों की बेल्ट से धमाका किया।” अफ़ग़ानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस हमले में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है।

तालिबान ने इस हमले की निंदा की है। तालिबान के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने मीडिया को एक ईमेल भेजा है, जिसमें कहा गया है कि इस हमले के पीछे उनका हाथ नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक धमाका देह मज़ांग चौक पर हुआ। वहां हज़ारा समुदाय के हज़ारों लोग विरोध प्रदर्शन के लिए जुटे थे। वे प्रस्तावित बिजली सप्लाई लाइन का रास्ता बदलने के खिलाफ मार्च निकाल रहे थे।

एक स्वतंत्र पत्रकार के मुताबिक मौके पर हर तरफ खून और शरीर के हिस्से बिखरे हुए थे। आसपास मलबा भी बिखरा था। हज़ारा समुदाय के लोग इस बात से नाराज़ हैं कि तुर्कमेनिस्तान से काबुल आने वाली बिजली आपूर्ति लाइन बामयान और वारदाक प्रांत से नहीं गुज़रेगी। यहां हज़ारा समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं।

हज़ारा समुदाय में ज्यादातर शिया मुसलमान हैं। ये अफ़ग़ानिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा समुदाय है। 1990  के दशक में तालिबान के शासन के दौरान कथित भेदभाव और हिंसा की वजह से समुदाय के कई लोग पाकिस्तान,  ईरान और ताजिकिस्तान चले गए थे।

अफगानिस्तान की तोलो न्यूज एजेंसी के मुताबिक,  भीड़ में तीन हमलावर मौजूद थे। इनमें से एक ने कमर पर बंधी एक्सप्लोसिव बेल्ट में ब्लास्ट किया और खुद को उड़ा लिया। दूसरे हमलावर की सुसाइड बेल्ट में खराबी आने की वजह से ब्लास्ट नहीं हुआ। तीसरे हमलावर को सिक्युरिटी गार्ड्स ने मार गिराया। ब्लास्ट से आसपास की इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है। टि्वटर पर पोस्ट फोटोज में दर्जनों डेड बॉडीज सड़क पर बिखरी दिख रही हैं।

आईएसआईएस ने किया हमला

इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है। बताया जा रहा है कि हजारा ग्रुप के लोगों को निशाना बनाने के लिए भीड़-भाड़ वाले इलाके में धमाके किए गए। अमाक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ”इस्लामिक स्टेट के दो फाइटर्स ने हमला किया है।”  इस इलाके में इस समुदाय के लोगों की तादाद 9% है।