नोबेल पुरस्‍कार विजेता अर्थशास्‍त्री अमर्त्‍य सेन ने कहा था कि 80 फीसदी सुविधाओं पर चुनिंदा 20 फीसदी लोगों का कब्‍जा होता है और 80 फीसदी लोग इन 20 फीसदी लोगों का जीवन आरामदायक बनाने के लिए आजीवन कर्म करते हैं। उनकी बात समय-समय पर सच साबित होती नजर आती है। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है लेकिन उस पर सफाई भी दी जा रही है। हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र से भाजपा की लोकसभा सांसद पूनम महाजन और रेलवे की।

बात 31 मई की है। महाजन को भोपाल हवाई अड्डे से मुंबई की फ्लाइट पकड़नी थी, जिसके लिए उन्‍हें बीना से भोपाल जाना था। इसी दिन एक स्पेशल ट्रेन की व्‍यवस्‍था की गई जिससे वह भोपाल पहुंची थीं। सूत्रों के मुताबिक, पूनम को 31 मई की रात को लगभग 9 बजे भोपाल हवाई अड्डे से मुंबई के लिए विमान पकड़ना था। रेलवे द्वारा शाम को 7 बजे बीना से चली स्पेशल ट्रेन को भोपाल के बाहरी रेलवे स्टेशन सूखी सेवनिया तक मात्र 90 मिनट में पहुंचाया गया। इस ट्रेन को रास्ता देने के लिए मार्ग में कई नियमित ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर रोका गया। हालांकि रेलवे नियमों के तहत किसी भी सांसद के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का प्रावधान नहीं है।

उधर, पश्चिम-मध्य रेलवे जोन के महाप्रबंधक रमेश चंद्रा के मुताबिक सांसद पूनम महाजन (पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रमोद महाजन की बेटी) को नियमों के खिलाफ जाकर कोई वीआईपी सुविधा नहीं दी गई है। वास्तव में भोपाल से स्पेशल ट्रेन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के लिए31 मई को प्रदेश के सागर जिले में भेजी गई थी। उन्‍होंने बताया कि मनोज सिन्हा सागर में रेलवे के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसी कार्यक्रम में पूनम महाजन भी शरीक हुई थीं। इसके बाद दोनों स्पेशल ट्रेन से सागर से निकट बीना पहुंचे और रेल राज्य मंत्री ने बीना में रेल ओवरब्रिज का उद्घाटन किया।

उन्होंने बताया कि निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक समारोह के बाद सिन्हा को स्पेशल ट्रेन से भोपाल लौटकर विमान से दिल्ली जाना था लेकिन समारोह में देर होने की वजह से सिन्हा अंतिम क्षणों में अपने तय कार्यक्रम में बदलाव करते हुए बीना से ट्रेन द्वारा दिल्ली के लिए रवाना हो गए। उन्होंने कहा कि एक सैलून और एक एसी कोच वाली स्पेशल ट्रेन को वापस भोपाल आना ही था तो उसमें सवार होकर पूनम भी भोपाल पहुंच गईं। इसमें इससे अधिक और कुछ मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मात्र एक संयोग था। पूनम के साथ पश्चिम-मध्य रेलवे के मुख्य सुरक्षा आयुक्त भी स्पेशल ट्रेन से भोपाल लौटे थे।