नई दिल्ली ( सुनील वर्मा )। कांग्रेस के तमाम दावों और मुख्यमंत्री हरीश रावत की कोशिशों के बावजूद उत्तराखंड सरकार संकट में आ गई है । देर रात भाजपा के 26 और कांग्रेस के 9 बाग़ी विधायकों की राज्यपाल के सामने परेड के बाद बीजेपी के बड़े नेता इन सभी को लेकर दिल्ली आ गए। रात करीब 11 बजे वे राज्यपाल के के पॉल से मिले थे और सरकार बनाने का दावा पेश किया। कांग्रेस के बागी विधायकों का नेतृत्व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और हरक सिंह रावत कर रहे हैं। हरक सिंह रावत ने मंत्री पद से देर शाम इस्तीफ़ा दे दिया था । विजय बहुगुणा ने कहा है कि हरीश रावत को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। तड़के कांग्रेस के 9 बागी और बीजेपी के 26 विधायको को चार्टर्ड प्लेन से नई दिल्ली लाकर कड़ी सुरक्षा के बीच गुडगाँव के लीला होटल पैलेस लाकर में ठहराया गया।

कांग्रेस के बाग़ी विधायक बीजेपी के वरिष्ठ नेताओ के साथ
कांग्रेस के बाग़ी विधायक बीजेपी के वरिष्ठ नेताओ के साथ

दोपहर बाद इनकी मुलाकात बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से कराई जा सकती है । कांग्रेस के बागी विधायकों ने बीजेपी महासचिव कैलाश विजय वर्गीय को भरोसा दिलाया है कि बीजेपी उत्तराखंड में सरकार बनाती है तो ऐसी स्थिति में उनका समर्थन बीजेपी को मिलेगा । माना जा रहा है कि शाम को बीजेपी और कांग्रेस के बागी विधायक राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे । माना जा रहा है शाह से मुलाकात के बाद उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी । दूसरी तरफ दिल्ली में मुख्यमंत्री के प्रवक्ता खुशाल जीना ने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है अगर बीजेपी ने अरुणाचल की तरह साजिशन सरकार गिराने का प्रयास किया तो कांग्रेस विधान सभा भंग करने की सिफारिश के साथ चुनाव में जाएगी ।
गौरतलब है की बजट पास होने के बाद ही कांग्रेस के नौ विधायकों ने हरीश रावत सरकार के साथ बग़ावत कर दी थी। जबकि संकट में फंसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दावा किया था कि उनके पास पूर्ण बहुमत है। साथ ही उन्होंने बागी कांग्रेसी विधायकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी। रावत ने सरकार के पास पूर्ण बहुमत का दावा किया था’। संकट के इस समय में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित नारायण दत्त तिवारी ने हरीश रावत का समर्थन किया है । जो एमएलए हरीश रावत के खिलाफ हैं वो सभी पूर्व सीएम विजय बहुगुणा खेमे के बताए जा रहे हैं। इधर बागी विधायकों के दिल्ली जाने के बाद हरीश रावत ने अपने समर्थकों के साथ स्पीकर से विचार विमर्श किया और दोपहर में राजयपाल से मुलाकात की तैयारी है ।

क्यों हो रहा है हरीश रावत का विरोध
-कांग्रेस के बागी विधायक हरीश रावत के कामकाज से नाराज हैं।
– विधायकों का आरोप है कि सरकार में बड़े पैमाने पर करप्शन हो रहा है और राज्य बर्बादी की और जा रहा है।
– हालांकि, सूत्रों का कहना है कि बगावत के पीछे विजय बहुगुणा का रोल अहम हैं।
– बहुगुणा, रावत को सीएम बनाने को लेकर कई बार खुलकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं।
– वे पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी की मांग करते आ रहे थे, हरीश रावत खेमा उन्हें जिम्मेदारी देने के विरोध में था।

केजरीवाल का ट्वीट
राज्य में इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को भाजपा पर हमला किया। उन्होंने ट्वीट किया कि बेशर्मी के साथ पहले अरूणाचल प्रदेश में विधायकों की खरीद फरोख्त और अब उत्तराखंड में। उन्होंने कहा कि भाजपा साबित कर रही है कि वह सबसे भ्रष्ट, देशद्रोही और सत्ता की भूखी पार्टी है।