हिंदी साहित्य के वरिष्ठ कथाकार, कवि और आलोचक दूधनाथ सिंह का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार देर रात निधन हो गया है। उन्होंने अपने पैतृक शहर इलाहाबाद में देर रात 12 बजे के करीब आखिरी सांस ली। पिछले कई दिनों से वह इलाहाबाद के एक अस्पताल में भर्ती थे। वह प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित थे। दूधनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सोबंथा गांव के रहने वाले थे। उनका जन्म 17 अक्टूबर 1936 को हुआ था।

पिछले साल अक्टूबर में तकलीफ बढ़ने पर उन्हें नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था। जांच में प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि होने पर उनका वहीं इलाज चला। 26 दिसम्बर को उन्हें इलाहाबाद लाया गया। दो-तीन दिन बाद तबीयत बिगड़ने पर उन्हें यहीं अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तब से उनका वहीं इलाज चल रहा था। दूधनाथ सिंह के निधन की खबर से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

उनके उपन्यास में आखिरी कलाम, निष्कासन, नमो अंधकारम हैं। दूधनाथ सिंह के कई कहानी संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं जिसमें ‘सपाट चेहरे वाला आदमी’, ‘सुखांत’, ‘प्रेमकथा का अंत न कोई’, ‘माई का शोकगीत’, ‘धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे’, ‘तू फू’, ‘कथा समग्र’ हैं।