नई दिल्ली।

केंद्रीय मंत्रियों राजीव प्रताप रूड़ी, उमा भारती, संजीव बालियान और फग्गन सिंह कुलस्ते ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा भेज दिया है, जिसके आधार पर संकेत मिल रहे हैं कि 8 से 9 मंत्रियों का इस्तीफा ले लिया जाएगा। अब इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि कौन नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल के अंदर रहेगा और किसे मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया जाएगा।

संभावनाएं

भूपेंद्र यादव अभी राजस्थान से राज्यसभा के सांसद हैं और पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी है। प्रह्लाद जोशी लोकसभा के सदस्‍य हैं। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उनको मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। विनय सहस्त्रबुद्धे राज्यसभा सदस्‍य और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। हरीश द्विवेदी उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले सांसद हैं। सुरेश आंगड़ी कर्नाटक के बेलगाम से सांसद हैं। अश्विनी चौबे बिहार से बक्सर लोकसभा सीट से सांसद हैं।

सत्यपाल सिंह मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और अब बागपत सीट से सांसद सत्यपाल सिंह को बीजेपी जाट नेता के तौर पर स्थापित करना चाहती है। असम में बीजेपी की जीत में बड़ी भूमिका निभाने वाले हेमंत विश्‍वशर्मा को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। यूपी के प्रभारी और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा को कुशल संगठनकर्ता के तौर पर जाना जाता है। जेडीयू सहित कई दूसरे सहयोगी दलों के नेताओं को भी मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की चर्चा है।

आशंकाएं

कौशल विकास राज्य मंत्री की कुर्सी संभाल रहे राजीव प्रताप रूड़ी के इस्तीफे ने मीडिया में दो सप्ताह से चल रहे कयासों को सच साबित कर दिया। अंदरखाने से आ रही खबर के मुताबिक राजीव प्रताप रूड़ी के प्रदर्शन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाराज चल रहे थे।

तमिलनाडु से आने वाली निर्मला सीतारमन सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय संभाल रही थीं। पिछली बार कैबिनेट फेरबदल के दौरान भी उन्हें हटाने की खबर आ रही थी। उनके कार्यकाल में निर्यात शुरुआती सालों में गिरता गया। इस बात से प्रधानमंत्री चिंतित थे।

वरिष्ठता व पार्टी में लंबे समय तक जुड़ाव की वजह से उमा भारती को जल संसाधन व गंगा सफाई का मंत्रालय दिया गया था लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद उनके पास अपने कामकाज को लेकर दिखाने को कुछ खास नहीं है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर प्रधानमंत्री को इस्तीफे की पेशकश की।

कांग्रेस से भाजपा में आए चौधरी वीरेंद्र सिंह पहले केंद्र में पहले ग्रामीण विकास मंत्रालय को संभाला लेकिन यहां भी वह कोई छाप छोड़ नहीं पाए। फिर उन्हें स्टील मंत्रालय दिया गया लेकिन अपने काम के प्रति अरुचि को देखते हुए सरकार ने उन्हें हटाने का फैसला किया। केंद्र में गिरिराज सिंह सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री हैं। बिहार चुनाव से ठीक पहले कैबिनेट में शामिल हुए जो अपने बयानों को लेकर विवादों में आ जाते हैं।

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान भी अपने बयानों से पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर देते हैं। उनकी जगह किसे तैनात किया जाता है, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो पाएगा। फग्गन सिंह कुलस्ते को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। वह संगठन व सरकार के कार्यक्रमों से नदारद रहते हैं।