ओपिनियन पोस्ट ब्यूरो

ग्यारह दिसंबर, 2016 को तमिलनाडु में डाकिया और मेल गार्ड के पदों के लिए हुई परीक्षा का जब परिणाम आया तो सबसे ज्यादा हैरान तमिलनाडु के अधिकारी हुए। इसकी वजह यह थी कि हरियाणा के उम्मीदवारों ने तमिल भाषा में टॉप किया था। मजे की बात यह है कि यह भाषा उन्होंने पढ़ी ही नहीं थी। फिर भी यह कमाल कर दिया। अब टॉप करने के मामले की जांच सीबीआई करेगी। इस परीक्षा का रिजल्ट 15 मार्च को आया। तभी से परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। इस परीक्षा में चार पेपर थे सामान्य ज्ञान, गणित, अंग्रेजी और तमिल भाषा। हर पेपर में 25 सवाल थे। पेपर देने वालों में 138 उम्मीदवार हरियाणा से थे। रिजल्ट आया तो डाक विभाग को कई शिकायतें मिलने लगीं। शिकायत ये थी कि इस परीक्षा में सबसे ज्यादा नंबर लाने वाले उम्मीदवार हरियाणा से थे। इनमें से 93 उम्मीदवारों ने 80 से 86 नंबर हासिल किए। तमिल भाषा के पेपर में हरियाणा वालों ने 25 में से 24 नंबर हासिल किए। यह उनकी उपलब्धि नहीं बल्कि गड़बड़ी है। माना जा रहा है कि इस परीक्षा में हरियाणा के उम्मीदवारों ने भारी हेराफेरी की है। यह कैसे संभव हुआ, इसे लेकर हड़कंप मचा हुआ है। अब इस मामले की जांच के लिए सीबीआई को लिखा गया है। सीबीआई के चंडीगढ़ स्थित सूत्रों के मुताबिक प्राथमिक जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि पहली नजर में यह मामला परीक्षा में गड़बड़ी का लग रहा है क्योंकि तमिल भाषा में इतने नंबर आना संभव ही नहीं है। वह भी तब जब हरियाणा में इस भाषा की पढ़ाई ही नहीं होती।

इसलिए उठ रहे सवाल
हरियाणा के 47 उम्मीदवारों के फॉर्म एक ही आईपी एड्रेस से भरे गए थे। यह आईपी एड्रेस हांसी में सोनिक वायरलेस टेक्नोलॉजी का है जबकि फॉर्म भरने वाले उम्मीदवार अलग अलग जिलों से हैं। यह कैसे संभव है कि वे सभी एक ही जगह आकर फॉर्म भर कर गए। इनमें से 36 उम्मीदवारों की एक ही ईमेल आईडी थी [email protected] ऐसा लगता है कि इन सभी उम्मीदवारों के पास अपनी असली ईमेल आईडी नहीं है। आईडी सोनिक वायरलेस टेक्नोलॉजी में किसी ने बनाई। तमिल पेपर में 25 में से 24 नंबर हासिल करने वाले ज्यादातर हरियाणा के उम्मीदवार थे। सभी ने एक जैसे सवालों के सही जवाब दिए और सबने एक ही सवाल का गलत जवाब दिया। ज्यादा नंबर हासिल करने वालों के बाकी तीन पेपर के जवाब देने का तरीका भी एक जैसा था। जो सवाल एक उम्मीदवार ने सही या गलत दिया वही पैटर्न बाकियों के पेपर में भी था।

हरियाणा के शिक्षा विभाग से जब इस बाबत जानकारी मांगी गई तो विभाग ने बताया कि हमें इस मामले के बारे में अभी तक कुछ पता नहीं है। शिक्षा विभाग के एसीएस पीके दास ने बताया कि अभी तक तमिलाडु या सीबीआई की ओर से कोई संपर्क नहीं किया गया है। इसलिए इस मामले में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। शिक्षा विभाग के सीनियर अधिकारियों ने भी इस बात पर हैरानी जताई कि तमिल भाषा में हरियाणा के उम्मीदवार कैसे टॉप कर गए क्योंकि भाषा के मामले में तो यहां के छात्र बहुत ही कमजोर हैं।

प्रतियोगी परीक्षा में हेराफेरी के लगातार आरोप
पिछली बार नीट की परीक्षा का पेपर लीक हरियाणा में ही हुआ था। इतना ही नहीं राज्य की प्रतियोगिता परीक्षा में भी पेपर लीक से लेकर नकल के तमाम आरोप लगते रहे हैं। एसएस बोर्ड के क्लर्क की परीक्षा का पेपर भी लीक हो गया था। इस मामले की जांच अभी चल रही है। जानकार तो यहां तक कहते हैं कि हरियाणा में नकल माफिया और प्रतियोगी परीक्षा में गड़बड़ी कराने वाला एक बड़ा माफिया काम कर रहा है। इसकी जड़ दूसरे राज्यों में भी फैली हुई है। हर बार जब भी मामला खुलता है तो कुछ लोग पकड़े जाते हैं लेकिन मास्टर माइंड कौन है इसका पता अभी तक नहीं चल पाया है। अब मामला सीबीआई के पास है। देखना दिलचस्प होगा कि क्या सीबीआई इस गिरोह का पर्दाफाश कर पाती है।