बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के लखनऊ पहुंचने से चंद घंटों पहले समाजवादी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। समाजवादी पार्टी से एमएलसी और राष्ट्रीय शिया समाज के संस्थापक बुक्कल नवाब समेत  3 एमएलसी ने विधान परिषद के सभापति रमेश यादव को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इनमें एक बीएसपी का है।

बुक्कल नवाब के साथ एमएलसी यशवंत सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया है। बसपा एमएलसी जयवीर सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया है। ऐसे कयास लगाया जा रहा है कि ये तीनों नेता बीजेपी में शामिल हो सकते है। साथ ही बुक्कल नवाब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा भी की है। खबर है कि एक और एमएलसी और 3 एमएलए भी जल्द बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। बुक्कल नवाब ने कहा कि पिछले एक साल से मुझे बहुत घुटन महसूस हो रही थी। सपा लिखते वक्त यह सही नहीं लगता है। समाजवादी पार्टी अब ‘समाजवादी अखाड़ा’ बन गई है। अखिलेश पर निशाना साधते हुए बुक्कल ने कहा कि यह स्पष्ट है कि जब वह अपने पिता के साथ नहीं है, तो वह किसके साथ हो सकते हैं। मैं मुलायम सिंह यादव का बहुत सम्मान करता हूं। सपा में और भी लोग इस्तीफा दे सकते हैं।

वहीं पीएम और यूपी के सीएम की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी अच्छा काम कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ का अच्छा नारा दिया है। बीजेपी में शामिल होने पर उन्होंने कहा कि अगर बुलावा आता है तो वे जा सकते हैं। सीएम योगी के लिए बुक्कल नवाब ने कहा कि योगी अच्छा काम कर रहे हैं। कम से कम कोई घोटाला तो नहीं हुआ है।

विवादों से रहा है नाता: भुक्कल नवाब ने इसी साल मई में राम मंदिर की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि भव्य राम मंदिर बनना चाहिए। इतना ही नहीं भुक्कल ने राम मंदिर के लिए 15 करोड़ दान देने की भी बात की थी। भुक्कल नवाब इससे पहले गोमती नदी को लेकर विवादों में आए थे। उनपर आरोप था कि उन्होंने नदी की जमीन के नाम पर करोड़ों रुपए का मुआवजा लेने का आरोप लगा था।

इन इस्तीफों से 3 एमएलसी के पद खाली होंगे। इससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव और दिनेश एशर्मा एमएलसी के तौर पर सदन में जा सकते हैं। ये तीनों अब तक किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।