लखनऊ।

सुकमा नक्‍सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवानों की शहादत के बाद उनके परिजनों की मदद के लिए समाज के एक मजबूत वर्ग का जज्‍बा जागा है। ऑल इंडिया आईएएस एसोसिएशन ने फैसला किया है कि रक्षा बलों के शहीदों के जो परिवार हैं, उनके जिले में कार्यरत प्रशासनिक अफसर अब उन्हें गोद लेंगे और उनकी हर संभव मदद करेंगे।

हालांकि इसके तहत उस अधिकारी को अपनी तरफ से सीधे तौर पर ऐसे परिवार को वित्‍तीय सहायता देने की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि सरकार की मुआवजा नीति के तहत समयबद्ध ढंग से पैसे की उपलब्‍धता कराना, ऐसे परिवारों के लिए सरकारी प्रयासों के बारे में जानकारी और उनका सहयोग करने की जिम्मेदारी होगी।

ऑल इंडिया आईएएस एसोसिएशन के सचिव संजय भूसरेड्डी ने बताया कि इसके लिए हमने भारत सरकार और राज्य सरकारों से भी आग्रह किया है कि वह दिशा-निर्देश जारी करे।

भारतीय प्रशासनिक अधिकारी के लिए यह सही होगा कि वह अपने सब डिविजनल मजिस्ट्रेरट, एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के रूप में पहली नियुक्ति के स्थान से ही ऐसे एक परिवार को अपनाए।

आईएएस अफसर इस पर नजर रखें कि शहीद सैनिक के आश्रितों को संबंधित संगठनों द्वारा सभी भुगतान कर दिए गए हैं और अगर इस विषय में कहीं विलंब है तो मामले की पैरवी कर उन्हें उनका हक़ दिलाया जाए।

इसी तरह इस बात का ध्यान रखना होगा कि राज्य सरकार द्वारा नकद या वस्तु में से कुछ भी देने की घोषणा की गई है तो उस शहीद परिवार को तय समय में वह मदद मिली या नहीं। अगर नहीं मिली है तो पैरवी कर उसे दिलाएं।

शहीद सैनिक के बच्चों की देखभाल करना और उन्हें उनकी पसंद और क्षमता के आधार पर करियर में आगे बढ़ने के लिए गाइड करते रहें। साथ ही अगर स्किल इंडिया,  स्टार्ट-अप इंडिया,  डिजिटल इंडिया जैसी सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिल सके तो वह भी बच्चों को दिलाएं।

अगर शहीद सैनिक के परिवार के सदस्य कोई बिजनेस करना चाहते हैं तो वित्तीय संस्थाओं से मिलकर उनकी सहायता भी करें। आईएएस अधिकारी यह भी देखेंगे कि किसी तरह से भी परिवार का सामाजिक उत्पीड़न या शोषण न होने पाए। अगर कोई परिवार का व्यक्ति बीमार है तो यह सुनिश्चित करे कि उसका निजी या सरकारी अस्पताल में इलाज सही ढंग से हो रहा है या नहीं।

नई पहल के तहत शुरुआत में पिछले चार आईएएस बैच (2012-16) के 600-700 युवा अधिकारियों को अपनी पोस्टिंग वाले एरिया में से कम से कम एक शहीद परिवार की देखभाल का जिम्‍मा उठाने के लिए एसोसिएशन ने कहा है।

ये अधिकारी शहीदों के परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर जिन मामलों में मदद करेंगे उनमें पेंशन, ग्रेज्‍युटी, सेवाओं का एलॉटमेंट मसलन पेट्रोल पंप, स्‍कूलों में बच्‍चों का दाखिला, युवाओं को सरकार के स्किल इंडिया या डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत विशेष कौशल हासिल करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्‍त करने में मदद करना जैसे काम शामिल हैं।