वीरेंद्र नाथ भट्ट।

इटावा में रविवार को मतदान के दिन समाजवादी पार्टी का प्रथम परिवार विभाजित नजर आया। मुलायम सिंह, अखिलेश और अन्य सभी नेता लगातार पार्टी और परिवार में एकता और सब कुछ ठीक होने का दावा करते हैं लेकिन परिवार पूरी तरह बंटा नजर आया।  मुलायम सिंह यादव के पैत्रक नगर सैफई में सबसे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मतदान करने पहुंचे। उनके साथ उनके चचेरे भाई और बदायूं के सांसद धर्मेन्द्र यादव भी मौजूद थे। कुछ देर बाद उनकी सांसद पत्नी डिम्पल यादव ने वोट डाला।

मुलायम सिंह रविवार सुबह अपनी पत्नी साधना यादव और बहू अपर्णा यादव के साथ लखनऊ से सैफई पहुंचे।  अपर्णा यादव लखनऊ छावनी विधान सभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी की उमीदवार हैं और लखनऊ में भी आज मतदान था। पहले साधना ने अपर्णा के साथ वोट डाला। सबसे बाद में 3 बजे शिवपाल यादव अपने पुत्र आदित्य के साथ वोट डालने पहुंचे। मुलायम सिंह के चचेरे भाई और पार्टी के महामंत्री राम गोपाल यादव ने भी अलग वोट डाला।

 मतदान के बाद मुलायम सिंह ने दावा किया कि शिवपाल भारी बहुमत से जीतेंगे और अखिलेश यादव ही अगले मुख्यमंत्री होंगे। शिवपाल यादव के काफिले पर पथराव और शिवपाल के साजिश के आरोप ने भी माहौल में कटुता को बढ़ाया। मुलायम सिंह के भाई अभयराम यादव ने परिवार में विवाद के लिए सीधे राम गोपाल यादव को जिम्मेदार बताया। अभयराम ने कहा, ‘आज हमने अखिलेश से बात की थी और उसको समझाया है। अब सब ठीक है।’  मुलायम सिंह के अन्य छोटे भाई राजपाल यादव ने दावा किया कि पार्टी और परिवार एक है और कहीं कोई मतभेद नहीं है। अगली सरकार समाजवादी पार्टी की ही बनेगी।

 समाजवादी पार्टी के एक वरिष्‍ठ नेता ने कहा, यदि परिवार के सभी सदस्य मुलायम सिंह,  अखिलेश,  शिवपाल  और रामगोपाल एक साथ वोट देने जाते तो स्थानीय मतदाता के साथ बाकी प्रदेश में भी अच्छा संदेश जाता और चुनाव के शेष चार चरणों में पार्टी को इसका अवश्य लाभ मिलता।