पं. भानुप्रताप नारायण मिश्र ।

भारत की कर्क राशि है। 9 जनवरी 2016 को सिंह में गया राहु भारत की वित्तीय व्यवस्था को 2017 में भी हिलाता-डुलाता रहेगा। हां, शनि जरूर जनवरी में जब धनु राशि में प्रवेश करेगा तो राहत देगा, लेकिन अप्रैल में जब शनि धनु में वक्री गति से चलते हुए जून में वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा तब फिर संकट शुरू होगा। शनि के इस परिवर्तन से मेष, सिंह की शनि की ढैया भी पुन: शुरू होगी। इस दौरान शनि से प्रभावित ढैया वाली राशियों वृष और कन्या को राहत मिलेगी। अक्टूबर के अंत में शनि के धनु राशि में पुन: प्रवेश करने से वृष और कन्या राशि पर ढैया शुरू होगी, मेष और सिंह राशि वालों को मुक्ति मिलेगी। न्यायकारक ग्रह शनि अगस्त में मार्गी अर्थात सीधा चलने लगेंगे।
फरवरी से जून तक गुरु वक्री रहेगा। सितंबर के पहले पखवाड़े में गुरु प्रबल शत्रु शुक्र की मूल त्रिकोण तुला राशि में प्रवेश करेंगे जिससे मेष, मिथुन, कन्या, धनु और कुंभ राशिवाले जातकों को लाभ होगा।

सितंबर में राहु सिंह राशि छोड़कर कर्क तो केतु कुंभ राशि छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करेगा। अगले 18 महीनों में जहां राहु के कारण वृष, कन्या, तुला और कुंभ राशिवालों को बहुत लाभ होगा तो वहीं केतु के कारण मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशिवालों को राहत मिलेगी।

मेष-

बेरोजगारों को शनि की ढैया के जनवरी में समाप्त होने और राशिपति मंगल और केतु के बलवान होने के कारण साल की शुरुआत में बड़ी राहत मिलेगी। अनुबंध आसानी से मिल सकते हैं। कृषि, नौकरी, व्यवसाय की दिशा में किए गए प्रयास सफलता प्रदान करेंगे। आय में बढ़ोतरी की प्रबल संभावना है। सूर्य के गोचर में बलवान होने से मध्य जनवरी से मध्य मार्च, मध्य जून से मध्य जुलाई और मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर के बीच लाभ होगा। नौकरीपेशा इन्हीं महीनों में पदोन्नति और इच्छानुसार तबादला प्राप्त कर सकते हैं। व्यय की अधिकता बनी रहेगी और पूंजी निवेश से हानि का भी अंदेशा है। कर्मचरियों में पैदा हुआ मनमुटाव, विरोध देखकर समयानुसार निर्णय लें। सितंबर के मध्य में गुरु के अनुकूल होने से अच्छी आर्थिक स्थिति रहेगी। इसके बाद ही आप निवेश कर सकते हैं।
अगर जन्म लग्न मेष हो तो गणेश जी के साथ सूर्य पूजा से बहुत लाभ होगा।

वृष –

जनवरी से शनि की ढैया शुरू होगी। इसलिए कार्यक्षेत्र में आवेश में निर्णय न लें। व्यापारी और नौकरीपेशा परिवर्तन बहुत सोचसमझ कर करें। गुरु सितंबर के मध्य तक अनुकूल रहेगा जो आपको अच्छी बुद्धि प्रदान करेगा और धन संबंधी कुछ प्रयासों को सफलता भी प्रदान करेगा। लेकिन इसके बाद सावधान रहने में ही भलाई है। अनुबंध मिलते-मिलते रह जाएंगे। साल की शुरुआत में कर्मचरियों की बढ़ती मांगों को लेकर तनाव हो सकता है। सूर्य के बली होने से मध्य फरवरी से मध्य अप्रैल, मध्य जुलाई से मध्य अगस्त और मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर तक आपके व्यापार में खूब तरक्की होगी। इन दिनों सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी। बेरोजगारों को पार्टटाइम काम मिलेगा। शनि के अष्टम भाव में प्रतिकूल होने से आपके व्यापारिक निर्णय नुकसानदायक हो सकते हैं। साझेदारों में मनमुटाव दूर करने का गंभीरता से प्रयास करें। लोन चुकाने में बड़ी दिक्कतें आ सकती हैं।
अगर जन्म लग्न वृष है तो गणेश जी के साथ नारायण पूजा और एकादशी व्रत रखने से धन का सुख प्राप्त होता रहेगा।

मिथुन-

साल की शुरुआत में मिले-जुले आर्थिक फल प्राप्त होंगे। जनवरी से मध्य मार्च तक आर्थिक दृष्टि से अच्छा नहीं है। आय से अधिक व्यय की स्थितियां बनी रहेंगी। सोच-समझकर कार्य करने से ही लाभ होगा। इस दौरान गोचर में प्रबल राहु सितंबर तक आपकी मदद करता रहेगा। अनुकूल शनि जनवरी मध्य से प्रतिकूल फल देगा। गुरु सितंबर के मध्य से आपके कार्यक्षेत्र में शुभ बदलाव करेगा। सूर्य के बलवान होने से मध्य मार्च से मध्य मई, मध्य अगस्त से मध्य सितंबर और मध्य नवंबर से मध्य दिसंबर तक आपको सरकारी कार्यों और व्यापार में सफलता मिलेगी। अधीनस्थ कर्मचरियों पर नजर रखें। अनुबंध, टेंडर आदि भरने में गोपनीयता जरूरी है। बेरोजगारों को बीच-बीच में रोजगार मिलता रहेगा। अगर आप लोन के इच्छुक हैं तो कठिन प्रयासों के बाद ही लोन मिलेगा। शेयर, सट्टे, लाटरी में सितंबर के बाद जोखिम ले सकते हैं।
अगर जन्म लग्न मिथुन हो तो गणेश जी के साथ देवी-अर्थात लक्ष्मी, दुर्गा,सरस्वती, शीतला माता की पूजा करने से लाभ होगा।

कर्क-

सितंबर में ही राहु के कर्क और गुरु के तुला राशि में जाने से कई तरह की चिन्ताओं से जूझना होगा। हां, जनवरी में शनि के धनु राशि में जाने से चल रहा संकट कुछ कम होगा। साल की शुरुआत में मध्य जनवरी तक, मध्य अप्रैल से मध्य जून, मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर और मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी 2018 तक आपके व्यापार और कार्यक्षेत्र में सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं। इन महीनों में आधिकारियों और सरकार का साथ मिलेगा। शेयर, सट्टा, लाटरी में लाभ होगा पर ज्यादा जोखिम न उठाएं। बेरोजगारों को कड़ी मेहनत के बाद ही साक्षात्कार में सफलता मिलेगी। उद्योगपति बड़ी मुश्किल से अपने कर्मचरियों की मांगें मानेंगे। पदोन्नति और अच्छा तबादला पाने की आशा कर सकते हैं।
अगर कर्क लग्न है तो आप गणेश जी के साथ मंगल ग्रह के स्वामी देवसेनापति कार्तिकेय की पूजा करें जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ा रहे और आय में बढ़ोतरी हो।

सिंह-

शनि की ढैया के जनवरी में समाप्त होने और सितंबर के मध्य तक गुरु के अनुकूल होने से आर्थिक स्थिति में आमूलचूल परिवर्तन आएगा। अचानक कोई कार्य योजना सफल हो सकती है जिसके कारण आय में लगातार वृद्धि होती जाएगी। सूर्य के बली होने से मध्य जनवरी से मध्य फरवरी, मध्य मई से मध्य जुलाई, मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर समय आपके अनुकूल रहेगा। इन्हीं महीनों में बेरोजगारों को नवीन अनुबंध प्राप्त होंगे। लेकिन आपको उनकी शर्तों के अनुसार काम करना होगा। बीच में पुन: शनि की ढैया लगने से अधिकारियों और कर्मचारियों से परेशानी हो सकती है। नए व्यापार और कृषि क्षेत्र में सावधान रहें। लोन आदि प्राप्त करने में परेशानी नहीं होगी। ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में अपनी जमापूंजी गंवा सकते हैं।
अगर जन्म लग्न सिंह है तो गणेश जी और सूर्य की पूजा से सकारात्मक बुद्धि मिलेगी और रुके हुए कार्य बनना शुरू होंगे।

कन्या-

साल की शुरुआत में गोचर में शुभ मंगल और शत्रु स्थान में बैठे केतु के कारण आय में वृद्धि होती रहेगी। नौकरी में पदोन्नति या बदलाव सावधानी से करें या सितंबर तक टाल सकने की स्थिति में हों तो अच्छा रहेगा। वरना बड़ी वित्तीय परेशानी में पड़ सकते हैं। सृजनात्मक कार्य से जुड़े लोग और आयात-निर्यात के कार्य में जुटे लोग भारी मात्रा में धन कमा सकते हैं। शनि की ढैया जनवरी में शुरू हो जाएगी। इसलिए ऐसी योजनाओं से बचें जिनमें भारी लाभ नजर आ रहा हो। गुरु और राहु सितंबर में अनुकूल होंगे जिससे व्यापारी और नौकरीपेशा को अच्छा लाभ मिलना शुरू होगा। सूर्य के गोचर में बलवान होने से मध्य फरवरी से मध्य मार्च, मध्य जून से मध्य अगस्त, मध्य नवंबर से मध्य दिसंबर तक नौकरीपेशा और व्यापारियों को अच्छा लाभ होगा। साल की शुरुआत में आधिकारियों और कर्मचारियों के कारण समस्याएं पैदा होंगी। एक-दूसरे के प्रति अविश्वास होने से काम में असर पड़ेगा। बेरोजगारों और व्यापारियों को आवेश में निर्णय नहीं करने चाहिए। धन की कमी के कारण योजना को लागू करने में जल्दबाजी से बचें। लोन मिलने में समस्याएं हो सकती हैं।
अगर जन्म लग्न कन्या है तो गणेश जी के साथ देवी-लक्ष्मी, दुर्गा की पूजा करें, कई तरह से लाभ होगा।

तुला-

अधिकांश समय धन की अच्छी स्थिति रहेगी। मध्य जनवरी तक, मध्य मार्च से मध्य अप्रैल, मध्य जुलाई से मध्य सितंबर और मध्य दिसंबर से साल के अंत तक गोचर में सूर्य अनुकूल रहेगा। अनुकूल चल रहा सिंह का राहु सितंबर में दशम स्थान कर्क में पहुंचकर भी बल प्रदान करता रहेगा। सितंबर के पहले पखवाड़े में गुरु प्रबल शत्रु शुक्र की मूल त्रिकोण तुला राशि में प्रवेश करेंगे जिससे आपको कार्यक्षेत्र और वित्त संबंधी निर्णय आलस का त्याग कर लेने चाहिए। काफी समय से रुका हुआ धन मिल सकता है। नौकरीपेशा पदोन्नति प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन शनि की अंतिम ढैया जनवरी अंत तक समाप्त हो जाएगी। व्यापार में अचानक भारी लाभ हो सकता है। लेकिन अप्रैल में जब शनि धनु में वक्री गति से चलते हुए जून में वृश्चिक राषि में प्रवेश करेगा तब फिर शनि की साढ़ेसाती कुछ महीनों के लिए शुरू होगी। धनु में शनि के जाने पर आपको कई तरह के लाभ होंगे पर कुछ समय के लिए वृश्चिक राशि में जाने से सावधान रहने में ही भलाई है। अक्टूबर के अंत में शनि के धनु राशि में पुन: प्रवेश करने से तुला राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी। इसके बाद ही नए व्यापारिक अनुबंध मिल सकते हैं। आसानी से लोन मिलेगा। निर्णय शक्ति अच्छी होगी।

वृश्चिक-

गुरु कन्या राशि रहने के कारण सितंबर तक आय की अच्छी स्थिति रखेगी। राहु भी सिंह राशि में रहने के कारण सितंबर तक धन संबंधी कार्य में सफलता दिलाता रहेगा, लेकिन इसी महीने गुरु के तुला और राहु के नवम कर्क राशि में जाने से आय में कमी हो सकती है। इसलिए निवेश संबंधी कार्यों में सावधान रहना होगा। साथ ही अपने कर्मचारियों पर भी नजर रखनी होगी। साझेदारों में भी मनमुटाव हो सकता है। गोचर में जब-जब सूर्य बली होंगे जैसे मध्य जनवरी से मध्य फरवरी, मध्य अप्रैल से मध्य मई, मध्य अगस्त से मध्य अक्टूबर तक तब व्यापार और रोजगार में अच्छी खासी आय होगी। बेरोजगारों को आकर्षक रोजगार मिलेगा तो किसानों को भी लाभ होगा। लेकिन चल रही शनि की साढ़ेसाती में शनि जब जनवरी में अंतिम ढाई साल के लिए धनु राशि में प्रवेश करेंगे और वक्री गति से चलते हुए वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे तब व्यापारिक निर्णय बहुत सोच समझ कर लेने की आवश्यकता है। ज्यादा जोखिम न लें वरना संचित जमा पूंजी हाथ से निकल सकती है। नौकरी छोड़ने से नुकसान में रहेंगे। शेयर, सट्टे, लाटरी में कभी लाभ तो कभी हानि संभव रहेगी। नकारात्मकता से बचने के लिए और अच्छे निर्णय के लिए शांत रहना सीखें। अगर वृश्चिक जन्म लग्न है तो गणेश जी के साथ शिव जी की पूजा से लाभ होगा। चित्रकूट के दर्शन करने से आपकी वित्तीय स्थिति में सुधार आ सकता है।

 धनु-

शनि की साढ़ेसाती पूरे साल चलती रहेगी। जनवरी में शनि धनु राशि में ही प्रवेश करेंगे और साल के मध्य में वक्री गति से चलते हुए वृश्चिक राशि में पहुंचकर पुन: धनु राशि में लौटेंगे। इस माह व्यापार और कार्यक्षेत्र में कभी खुशी कभी गम वाले हालात होंगे। बेरोजगारों और व्यापरियों को समझबूझ कर निर्णय लेने होंगे। ज्यादा मेहनत तो करनी ही होगी। साथ में अपने व्यवहार में से आलोचना को निकालना होगा। सितंबर में गुरु के कन्या राशि से तुला में जाने के बाद से आय में निश्चित ही बढ़ोतरी होगी। हां राहु जरूर सिंह राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेंगे जो अचानक संकट खड़ा करेंगे। गोचर में सूर्य के बली होने पर मध्य फरवरी से मध्य मार्च, मध्य मई से मध्य जून और मध्य सितंबर से मध्य नवंबर तक अवश्य धन संबंधी चिन्ताएं कम होंगी। उच्च अधिकारियों से सहयोग मिलेगा तो नौकरीपेशा पदोन्नति भी प्राप्त कर सकते हैं। विदेशी निवेश के लिए लंबे समय से चल रहा आपका प्रयास सफल हो सकता है। साल की शुरुआत में कर्मचारी संकट उत्पन्न कर सकते हैं।

मकर-

अनुकूल चल रहा शनि जनवरी में वृश्चिक राशि छोड़कर धनु में प्रवेश करेगा जिससे शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। इस लिए व्यापारी और नौकरीपेशा किसी भी प्रकार के जोखिम से बचें। वक्री गति से चलते हुए शनि वृश्चिक राशि में प्रवेश कर कुछ माह बाद धनु राशि में प्रवेश करेंगे। इन महीनों में बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णय लेने की आवश्यकता है। हां, अनुकूल चल रहा गुरु सितंबर में कुछ समय तक आपकी आय में वृद्धि बरकरार रखेगा। लेकिन इसी महीने में गुरु और राहु के तुला और कर्क राशि में जाने से विपरीत समय शुरू हो सकता है। कर्मचारियों और साझेदारों के असहयोग के कारण व्यापारी संकट में आ सकता है। नौकरीपेशा अपने उच्च अधिकारियों और सहयोगियों से परेशान हो सकता है। अनुबंध टूट सकते हैं। नौकरीपेशा और व्यापारी को थोड़ा लाभ होता रहेगा। मध्य मार्च से मध्य अप्रैल, मध्य जून से मध्य जुलाई, मध्य अक्टूबर से मध्य दिसंबर तक सूर्य के अनुकूल रहने से आपका समय लाभदायक रहेगा। निवेश के लिए प्रयासरत रहें। निविदाएं आदि भरते समय गोपनीयता बरतें। बेरोजगारों को रोजगार के लिए जूझना होगा।
अगर आपकी जन्मलग्न मकर है तो गणेश जी की पूजा के साथ-साथ देवी पूजा-लक्ष्मी, दुर्गा, शीतला, सरस्वती आदि की पूजा से लाभ होगा। एकादशी व्रत करने से सकारात्मक रहेंगे और आय भी बढ़ेगी। सिद्धिविनायक मंदिर के दर्शन करने से लाभ होगा।

कुंभ-

साल की शुरुआत में जब राशि स्वामी शनि धनु राशि में प्रवेश करेंगे तो धन वृद्धि में बढ़ोतरी होने की प्रबल संभवना है। लेकिन कुछ माह बाद जब वक्री गति से चलते हुए शनि वृश्चिक राशि में प्रवेश कर पुन: धनु राशि में प्रवेश करेंगे तब इस अवधि में व्यापारी जोखिम लेने से बचें तो नौकरीपेशा कार्यक्षेत्र में आलोचना न करें, बदलाव की बिल्कुल न सोचें। सूर्य के गोचर में बली होने के कारण मध्य जनवरी तक, मध्य अप्रैल से मध्य मई, मध्य जुलाई से मध्य अगस्त और मध्य नवंबर से मध्य जनवरी 2018 तक व्यापारी और नौकरीपेशा को अच्छा खासा लाभ होगा। विपरीत चल रहे राहु-केतु और गुरु सितंबर के कुछ दिनों तक जोखिमभरे निर्णय लेने से दूर रहने को कहते हैं। हां, सितंबर में तुला राशि में गुरु और कर्क में राहु के जाने से समय अनुकूल होगा, अचानक आय में वृद्धि होगी। तब आप निवेश कर सकते हैं। आसानी से लोन मिल सकता है। साल के शुरुआती महीनों में कर्मचरियों की बढ़ती मांगों से प्रबंधन तनावग्रस्त रहेगा। नौकरीपेशा पदोन्नति प्राप्त कर सकते हैं। शेयर, सट्टे, लाटरी में जरूर जोखिम रहेगा।

 मीन-

गुरु और राहु सितंबर के कुछ दिनों तक आपकी आय में किसी न किसी तरह बढ़ोतरी करते रहेंगे। सूर्य के गोचर में बली होने के कारण जनवरी से मध्य फरवरी, मध्य मई से मध्य जून, मध्य अगस्त से मध्य सितंबर और मध्य दिसंबर से साल खत्म होने तक आय में बढ़ोतरी करते रहेंगे। व्यापार में आपको अच्छा खासा लाभ होगा तो नौकरीपेशा पदोन्नति प्राप्त करेंगे। इन महीनों में निवेश करेंगे तो लाभ होगा। बेरोगजारों को रोजगार मिलेगा। शनि के जनवरी में धनु राशि में जाने से नौकरीपेशा और व्यापारी को सतर्क रहना चाहिए। शेयर, सट्टे, लाटरी से लाभ होगा पर ज्यादा जोखिम न लें। विदेश व्यापार में आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। अनुबंध मिलेंगे पर गलतफहमी के कारण टूट सकते हैं। सितंबर में तुला राशि में गुरु के जाने से कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। राहु-केतु भी इसी माह में कर्क और मकर राशि में पहुंचेंगे तब केतु तो लाभदायक रहेगा पर राहु गलत निर्णय करवा सकता है। कर्मचारी के आलस और लापरवाही के कारण भी परेशानी होगी।
अगर आपकी जन्मलग्न मीन है तो गणेश जी की पूजा के साथ-साथ मंगल ग्रह के स्वामी भगवान कार्तिकेय जी की पूजा करें। गणेश चतुर्थी का व्रत करने से लाभ होगा। वृन्दावन स्थित बांकेबिहारी-राधा जी के दर्शन से लाभ होगा।