नई दिल्ली। शराब पीकर वाहन चलाना जुर्म है, लेकिन मानता कौन है। 2014-15 में देश भर में कुल 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 1 लाख 46 हज़ार लोगों ने जान गंवाई। हाइवे पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह शराब पीकर गाड़ी चलाना है। इसी के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राज्यमार्गों पर शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया है।

इसके साथ ही अदालत ने हाइवे पर शराब की ब्रिकी पर भी रोक लगा दी है। अब हाइवे पर शराब नहीं मिलेगी। ये फैसला सीजेआई टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने हाइवे से शराब की दुकानों को हटाने के निर्देश हैं और इसकी आखिरी समय सीमा एक अप्रैल रखी है। कोर्ट के फैसले के मुताबिक अब नेशनल और स्टेट हाइवे पर शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस नहीं मिलेगा। 31 मार्च तक जिन दुकानों को लाइसेंस मिला हुआ है वो चलती रहेंगी। 1 अप्रैल 2017 से किसी भी हाइवे पर शराब की दुकानें नज़र नहीं आएंगी।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाएं पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु और पुड्डुचेरी  से जुड़ी थीं, लेकिन कोर्ट के फ़ैसले का असर पूरे देश पर पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में हाइवे पर होने वाली सड़क दुर्घटना का मसला उठाया गया था। कहा गया था कि इन दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह शराब पीकर गाड़ी चलाना है। केंद्रीय सड़क और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 2014-15 में देश भर में कुल 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 1 लाख 46 हज़ार लोगों ने जान गंवाई।

सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल अगस्त में इस मामले में केंद्र और राज्यों को नोटिस जारी किया था। मामले को तेज़ी से सुनते हुए कोर्ट ने बृहस्‍पतिवार को फैसला सुना दिया। कोर्ट ने साफ किया है कि संविधान के अनुच्छेद 21 से हर नागरिक को मिला जीवन का अधिकार बेहद अहम है। राज्यों को इसका सम्मान करते हुए अपनी आबकारी नीति में बदलाव करना होगा। उन्हें हाइवे के किनारे शराब की दुकानों को लाइसेंस देना बंद करना होगा।

कोर्ट ने साफ़ किया है कि हाइवे के शहरी या आबादी वाले क्षेत्र से गुजरने वाले हिस्सों में भी शराब की दुकानों को लाइसेंस नहीं दिया जा सकेगा। कोर्ट ने अपने फैसले में ये भी सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि शराब की दुकानें हाइवे पर चलने वालों की पहुंच से इतनी दूर हों कि वे उन्हें देख भी न सकें। चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि हाइवे से 500 मीटर के दायरे में शराब की दुकानों को लाइसेंस न दिया जाए।