निशा शर्मा।

अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बागी नेता कलिखो पुल ने आत्महत्या कर ली है। लेकिन आत्महत्या के कारणों का अब तक कोई पता नहीं लग पाया है। बताया जा रहा है कि कलिखो का शव उनके घर में पंखे से लटका हुआ मिला। खबर है कि कुछ दिनों से कलिखो किसी से नहीं मिल रहे थे। वह डिपर्शेन से जूझ रहे थे। हालांकि कलिखो को जानने वाले बताते हैं कि कलिखों आत्महत्या की प्रवृति रखने वाले लोगों में से नहीं थे।

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ओपिनियन पोस्ट से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पाडी रिको ने कहा कि कलिखो हार ना मानने वाले लोंगों मे से थे। एक जिंदा दिल इंसान के तौर पर लोग उन्हें जानते हैं। मैं नहीं मानता उन्होने आत्महत्या की है और वह डिप्रेशन में थे। अगर ऐसा हुआ है तो यह क्षणिक निर्णय हो सकता है ना कि कोई पहले से चलते हालात। कलिखो की अप्रकृतिक मौत पर पूरी कांग्रेस पार्टी में शोक की लहर है।

वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष तापिर गाओ ने ओपिनियन पोस्ट से बात करते हुए कलिखो की मौत पर दुख जताया। साथ ही तापिर गाओ ने कहा है कि यह नहीं कहा जा सकता है कि उन्होंने आत्महत्या की है पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रेशर के सवाल पर बीजेपी नेता ने कहा कि ऐसा नहीं है क्योंकि कलिखो पुल एक मजबूत इरादों वाला इंसान था। मुख्यमंत्री होते समय में उनसे मिला था उसके बाद भी कई बार मुलाकात हुई।

बता दें कि कलिखो पुल साढ़े चार महीने तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। कालिखो पुल कांग्रेस से बगावत कर फरवरी 2016 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से अरुणाचल प्रदेश के नौवें मुख्यमंत्री बने थे लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के जुलाई में आए आदेश के बाद उन्हें पद से हटना पड़ा था। जुलाई में उच्चतम न्यायालय ने नबाम तुकी की वापस बहाली कर दी थी।

उनकी मृत्यु पर राज्य के पूर्व सीएम नबाम तुकी ने अफसोस जताया है. उन्होंने कहा- यह बेहद अफसोसजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है कि कलिखो पुल जैसा युवा नेता अब हमारे बीच नहीं है।