लखनऊ।

भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में किए गए करीब डेढ़ दर्जन वादे अखिलेश यादव के घोषणापत्र के वादों से मिलते हैं। इन चुनावी वादों पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि दोनों पार्टियां लगभग एक ही बात कह रही हैं। सवाल यह है कि जब वादे लगभग एक ही हैं तो इन पार्टियों के बारे में मतदाता क्‍या सोचते हैं।

यह अलग बात है कि भाजपा ने अपने घोषणापत्र में मंदिर का भी जिक्र किया लेकिन आखिर में सिर्फ रस्‍म अदायगी की तरह। अमित शाह ने माना कि उनकी पार्टी मुसलमानों को टिकट नहीं देती। शाह ने कहा,  हम जीतने की संभावना के आधार पर टिकट देते हैं। हिंदुत्‍व के कई मुद्दों को घोषणापत्र में जगह मिली जिसमें कसाई खाने बंद करने, पश्चिमी यूपी से हिंदुओं का पलायन, तीन तलाक का विरोध आदि शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में पहले चरण में 11 फरवरी को मतदान होने वाला है। राज्य में सात चरण में होने वाले चुनाव में लगभग 13.8 करोड़ मतदाता हिस्सा लेंगे। इनमें से 40 प्रतिशत मतदाता ऐसे हैं जो अभी तक इस निर्णय पर नहीं पहुंच पाए हैं कि वे किस राजनीतिक पार्टी को वोट देंगे। डाटा विश्लेषक फर्म इंडियास्पेंड के लिए फोर्थलायन टेक्नोलॉजी की ओर से कराए गए मत सर्वेक्षण में भी यही बात कही गई है।

सर्वेक्षण पर भरोसा करें तो उसमें शामिल 28 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वोट देंगे जबकि 18 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे समाजवादी पार्टी (सपा) को वोट देंगे। चार प्रतिशत लोगों ने ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को वोट देने और केवल एक प्रतिशत लोगों ने कांग्रेस को वोट देने की बात कही है।

सपा के घोषणापत्र के अनुसार सभी सरकारी विश्‍वविद्यालय और कॉलेज में वाईफाई की सुविधा होगी तो भाजपा के भी घोषणा पत्र में सभी विश्‍वविद्याय और कॉलेज को फ्री वाईफाई उपलब्‍ध कराने की बात कही गई है। सपा के घोषणापत्र के अनुसार वकील की मौत 60 से कम उम्र में हो तो मदद 10 लाख रुपये और भाजपा के घोषणापत्र के अनुसार वकील की मौत 70 से कम उम्र में होने पर यही मदद दी जाएगी।

सपा के घोषणापत्र में एंबुलेंस सेवा का विस्‍तार किए जाने की बात कही गई है तो भाजपा के घोषणापत्र में कहा गया है कि एंबुलेंस सेवा को अपग्रेड किया जाएगा। सपा और भाजपा ने पुलिस की डायल 100 सेवा को प्रभावशाली बनाने की बात कही है। दोनों ने महिला उत्‍पीड़न के मामलों के लिए सभी जिलों में फास्‍ट ट्रैक कोर्ट के गठन पर जोर दिया है।

सपा के घोषणापत्र में नोएडा, गाजियाबाद, कानपुर, मेरठ, आगरा और वाराणसी में मेट्रो सेवा की बात है तो भाजपा के घोषणापत्र में कानपुर, आगरा, इलाहाबाद, गोरखपुर, झांसी और गाजियाबाद में मेट्रो सेवा लाने की बात है। सपा के घोषणापत्र में सभी किसानों को सस्‍ते लोन तो भाजपा के घोषणापत्र में छोटे किसानों को बिना ब्‍याज फसली कर्ज दिए जाने की बात है।