chattishgarh politics

भूपेश सरकार इन दिनों डॉ. रमन सिंह की सियासत का दमन करने में जुटी है. उनके कार्यकाल के कामकाज का पोस्टमार्टम इस मकसद से कर रही है ताकि वह लोकसभा चुनाव से पहले जनता को बता सके कि रमन के विकास का सच क्या था.

chattishgarh politicsसत्ता का सियासी वनवास काट कर लौटी कांग्रेस इन दिनों एक सूत्रीय फार्मूले में जुटी हुई है. लोकसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में हुए काम काजों का पोस्ट पार्टम कर जनता को यह बताना है कि रमन सिंह के विकास का मॉडल कैसा था. वहीं भूपेश सरकार जनहित के निर्णय भी ले रही है. ताकि लोगों को यह न लगे कि राज्य की नई सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में नान घोटाला सुर्खियों में रहा. भूपेश बघेल ने नान घोटाले पर रमन सरकार को सडक़ से लेकर सदन तक घेरा था. लेकिन रमन सिंह सत्ता में थे तो नान घोटाले की फाइल इतनी ही खुली कि उनकी सरकार को आंच न आये. भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बनते ही नान घोटाले की जांच एसआईटी से कराने की घोंषणा की तो भाजपा खेमें में हलचल मच गई. नान घोटाले में नये सिरे से जांच के मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो नान घोटाले में खुद आरोपी है, जिसे घोटाले में कोर्ट से जमानत भी नहीं मिली, उसकी शिकायत पर घोटाले में जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि बदलापुर की राजनीति छत्तीसगढ़ में नहीं चलेगी. जिसे जेल में होना चाहिये था उसकी शिकायत पर जांच हो रही है.

डॉ. रमन सिंह के बयान पर तीखा हमला करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पूर्व सरकार से गौ संभली न गवर्नेंस संभला. अभी तो फाइलों से थोड़ी ही धूल हटाई है और अभी से ही चीख, पुकार. किसानों के लिए काम करने आये हैं. अमीरों की स्टांप ड्यूटी माफ  करने नहीं और अभी से पूछा जा रहा है कि घोषणा पत्र के वायदे कब पूरा करेंगे. एक महीने की सरकार है. नौ दस वायदे पूरे कर दिये हैं. बाकी भी पूरे होंगे.

गौरतलब है कि डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में 36000 करोड़ के नान घोटाला (राज्य आपूर्ति निगम) हुआ था. जिसकी अब एसआईटी जांच करेगी. जिसका नेतृत्व आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के आईजी एस.आर.कल्लूरी करेंगे. संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि इसके पहले नान घोटाले में जो जांच की गई थी, उसमें कई महत्वपूर्ण पहलुओं को छोड़ दिया था. उस वक्त जांच एजेंसी ने सिर्फ  छह पेज के आधार पर जांच किया था. बता दें कि नान घोटाले मामले में निष्पक्ष जांच के लिए आरोपी बनाए गए एक आईएएस अनिल टुटेजा ने भूपेश सरकार के सामने अभ्यावेदन दिया है. इस मामले में अनिल टुटेजा के अलावा एक और आईएएस आलोक शुक्ला को भी आरोपी बनाया गया था. वहीं तत्कालीन नान प्रबंधक शिवशंकर भट्ट इस मामले में अभी जेल में हैं. ईओडब्ल्यू इस मामले में 2015 से ही जांच कर रही है. इन तीनों अधिकारियों के अलावा इस मामले में 27 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था और 17 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी. नान घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनके परिजनों पर भी गड़बड़ी के आरोप हैं. बहरहाल नान घोटाले को लेकर सरकार की तल्खी बढ़ती जा रही है. ईओडब्ल्यू में तैनात नान घोटाले के जांच अधिकारी रहे संजय दिनकर देवस्थले ने उच्चाधिकारियां को बिना बताये न्यायालय गये और शेष पन्नों को अनुपयोगी बताया. जबकि 107 पन्नों की जांच न करके उन्हें कार्यालय में रखा. वहीं जेल की हवा खा रहे शिवशंकर भट्ट की डायरी में 113 पन्ने बरामद हुए थे. एसीबी चीफ डीएम अवस्थी ने निलंबित कर रायपुर हेडक्वार्टर अटैच कर दिया है.

रमन सिंह को एतराज

भूपेश सरकार ने डीजीपी ए. एन. उपाध्याय को हटाकर डी.एम अवस्थी को डीजीपी बना दिया है. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को एतराज है. उन्होंने कहा कि इस सरकार ने डीजी को पटवारी समझ लिया है. जब चाहे हटा दे. डीजीपी की नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश हैं कि नई सरकार चीफ  सेक्रेटरी को बदल सकती है. मगर डीजीपी को नहीं. डीजीपी अगर बदलना भी है तो यूपीएससी को पहले पैनल भेजना होगा. यूपीएस उनमें से तीन नाम छांटकर राज्य सरकार को भेजेगी. उसमें से किसी एक नाम को सरकार मंजूर कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ  किया है कि प्रभारी डीजीपी भी नियुक्त नहीं हो सकते. केरल के डीजीपी को भी वहां की सरकार ने हटा दिया था. लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट चले गये और शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि डीजीपी को फिर से ज्वाईन कराएं.

रमन का चेहरा चमकाने वाली फर्में बाहर

भाजपा सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का चेहरा चमकाने वाली 48 फर्मों और एजेंसियों को भूपेश सरकार ने बाहर कर दिया है. छत्तीसगढ़ संवाद ने इनका इम्पैनलमेंट निरस्त कर दिया गया है. राज्य सरकार की संस्था संवाद में अहमदाबाद की मूविंग पिक्सल प्रा.लि. नाम की फर्म को सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार के लिए फिल्म बनाने का काम 1 अक्टूबर 2018 को दिया गया था. फर्म ने 6 अक्टूबर को 1 करोड़ 18 लाख रुपये का बिल पेश किया. मामला सामने आने पर कांग्रेस सरकार ने जांच के आदेश दिये हैं.

बहरहाल राज्य की नई सरकार धीरे धीरे पूर्व सरकार के कामकाजों का ऑपरेशन करने में जुटी है. मोदी केयर के नाम से चर्चित केन्द्र की आयुष्मान योजना को भी राज्य सरकार राज्य में बंद करने की तैयारी में है. यह माना जा रहा है कि आने वाले समय में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखा हमला होने के आसार हैं.

जन हित में सरकार के फैसले

  • राज्य सरकार ने लाखों तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिए पारिश्रमिक की दर ढाई हजार रुपए से बढ़ाकर चार हजार प्रति बोरा की.
  • किसानों की ऋणमाफी सहित 25 सौ रुपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का निर्णय लेकर किसानों की बेहतरी के लिए पहला कदम उठाया है.
  • १३ दिसम्बर 2005 के पूर्व वनभूमि में काबिज वनवासियों को वनाधिकार पट्टे दिये जायेंगे.  अनुसूचित जनजाति और गैर अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को भी वनाधिकार पट्टे प्रदान किये जायेंगे.
  • चरवाहों को मानदेय देने तथा मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था    करने का भरोसा सरकार ने दिलाया है.
  • पिछली सरकार में शराब नीति को लेकर किए गए अध्ययन रिपोर्ट   को खारिज करते हुए राज्य शासन ने नए सिरे से कमेटी बनाने की सिफारिश को मंजूरी दी है. यह कमेटी विभिन्न राज्यों का दौरा   कर अपनी रिपोर्ट दो माह के भीतर सरकार को सौंपेगी.
  • शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया जायेगा.
  • अब पांच डिसमिल से कम रकबे की भूमि का नामांतरण और पंजीयन पर रोक नहीं रहेगा. इससे हजारों निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.
  • राज्य सरकार ने टाटा द्वारा अधिगृहित जमीन को वापस लौटाने का आदेश दे दिया है. धारा 101 के तहत जमीन लौटाने का फैसला किया गया है. 1707 किसानों से जमीन ली गयी थी. जिनमें से 42.7 करोड़ रुपया मुआवजा बांटा जा चुका था.
  • राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून   बनाएगी. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जायेगी.
  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के विभिन्न शासकीय महाविद्यालयों में लंबे समय से रिक्त 1384 पदों को शीघ्र भरने के निर्देश उच्च शिक्षा विभाग को दिए हैं.