ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के बेटे पेमा खांडू अब राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे। उन्हें 44 विधायकों का समर्थन हासिल है। बहुमत के उनके दावे को राज्यपाल ने मान लिया है जिसके चलते विधानसभा में अब कांग्रेस को शक्ति परीक्षण से नहीं गुजरना होगा। इसके साथ ही कांग्रेस ने अरुणाचल संकट को सुलझा लिया है। इससे पहले पार्टी ने नबाम टुकी को सीएम पद से हटाकर कल तक बागी रहे खांडु को विधायक दल का नेता चुन लिया था। इसके चलते असंतुष्ट विधायक भी कांग्रेस के साथ आ गए थे। साथ ही कलिखो पुल की भी कलई खुल गई जिसमें वो दावा कर रहे थे कि बहुमत विधायकों का समर्थन उन्हें हासिल है और वो दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे। कांग्रेस के इस कदम से अब पुल अलग-थलग पड़ गए हैं उन्हें समर्थन देने वाली भाजपा को भी मुंह की खानी पड़ी है। सूत्रों के मुताबिक खांडु रविवार या सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्‍ट्रपति शासन लगाने और कलिखो पुल के भाजपा के समर्थन से सरकार बनाने के कदम को अवैध ठहराया था और कांग्रेस की नबाम टुकी सरकार को बहाल कर दिया था। मगर टुकी के सामने दिक्कत यह थी कि असंतुष्ट विधायक उन्हें समर्थन देने से इनकार कर रहे थे। साथ ही राज्यपाल ने भी उन्हें उनकी मांग के मुताबिक विश्वासमत के लिए 10 दिन का समय देने से इनकार कर दिया था। उन्हें शनिवार को ही विश्वासमत हासिल करने को कहा गया था। बहुमत विधायकों के समर्थन के अभाव में ही कांग्रेस आलाकमान ने टुकी को हटाने का फैसला किया। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

कांग्रेस ने क्यों बदला नेता

दरअसल, कांग्रेस के 20 बागी विधायकों ने संकेत दिए थे कि पार्टी अगर लीडरशिप में बदलाव करती है तो वे बगावती तेवर छोड़ पार्टी में वापस लौट सकते हैं। इसे देखते हुए पार्टी ने कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग में कांग्रेस विधायकों के साथ बागी विधायक भी शामिल हुए। मीटिंग में पेमा खांडू को पार्टी का नया नेता चुना गया। 60 सदस्यीय अरुणाचल विधानसभा में इस समय 58 विधायक हैं।
कौन हैं पेमा खांडू 

पेमा खांडू अरुणाचल के पूर्व पर्यटन एवं जल संसाधन मंत्री रहे हैं। 37 वर्षीय पेमा मुक्तो (सुरक्षित) क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने दिल्ली के हिंदू कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की है। वे 2005 में अरूणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव बने थे और फिर 2010 में तवांग में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए। वे प्रदेश के पूर्व सीएम दोरजी खांडू के बेटे हैं जिनकी 2011 में एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी।

 अरुणाचल की उठापटक

24 दिसंबर, 2014 : स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री कलिखो पुल हटाए गए
2 अप्रैल, 2015 : कलिखो पुल को पार्टी से निकाला गया
18 मई, 2015 : ईटानगर की स्थानीय अदालत ने पुल की बर्ख़ास्तगी पर रोक लगाई
8 नवंबर, 2015 : कलिखो पुल के नेतृत्व में 21 कांग्रेसी विधायकों की बगावत
9 दिसंबर, 2015 : राज्यपाल ने विधानसभा सत्र जनवरी की जगह 16-18 दिसंबर के बीच बुलाया
10 दिसंबर, 2015 : विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया ने 21 बागी विधायकों में 14 को अयोग्य घोषित किया
5 जनवरी, 2016 : हाईकोर्ट ने 14 कांग्रेसी विधायकों की मान्यता रद्द करने पर रोक लगाई
13 जनवरी, 2016 : बाग़ियों के पक्ष में हाईकोर्ट का फ़ैसला, 16-18 दिसंबर के सत्र को अमान्य करने का फ़ैसला रोका
24 जनवरी 2016 : अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश
25 जनवरी, 2016 : कांग्रेस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई
17 फरवरी, 2016 : अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश मगर सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने को कहा
18 फरवरी, 2016 : सुप्रीम कोर्ट ने नई सरकार का रास्ता साफ़ किया
20 फरवरी, 2016 : कलिखो पुल बने नए मुख्यमंत्री
22 फरवरी 2016 : गवर्नर के पक्ष में गुवाहाटी हाईकोर्ट के फैसले पर रोक
13 जुलाई, 2016 : सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सरकार की बहाली के आदेश दिए। गवर्नर के सारे आदेश रद्द