नई दिल्ली।

पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए एक कैब सेवा प्रदाता कंपनी ने पहल कर दी है। इसके लिए उसने अपने ‘मिशन इलेक्ट्रिक’ प्रोग्राम की घोषणा की है। हम बात कर रहे हैं ऐप बेस्‍ड कैब सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ओला की, जिसने अगले 12 माह में 10 हजार इलेक्ट्रिक वाहन अपने प्‍लेटफार्म पर जोड़ने का फैसला किया है। इसमें ई-रिक्‍शा की संख्‍या ज्‍यादा होगी। कंपनी का लक्ष्य देश में 2021 तक 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों के जरिये सेवा प्रदान करने की है।

पिछले साल मई में ओला ने पहला इलेक्ट्रिक व्‍हीकल प्रोजेक्‍ट नागपुर में लॉन्‍च किया था। इस प्रोजेक्‍ट में इलेक्ट्रिक कैब, इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्‍शा, इलेक्ट्रिक बस, रूफटॉप इंस्‍टॉलेशन, चार्जिंग स्‍टेशन और बैटेरी स्‍वैपिंग एक्‍सपेरिंमेंट शामिल थे। ओला ने 30 जनवरी को अपनी अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी उबर को टक्कर देने के लिए अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में उतरने की घोषणा की।

कंपनी के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी भाविश अग्रवाल ने कहा, ‘तिपहिया वाहन परिवहन का व्यापक माध्यम है और प्रतिदिन लाखों लोगों के जीवनयापन का स्रोत भी है। यह शहरों में प्रदूषण की कटौती करते हुए सभी संबंधित पक्षों के लिए बेहतर परिणाम देने का त्वरित विकल्प भी उपलब्ध कराता है।’

अग्रवाल ने कहा, ‘इलेक्ट्रिक वाहनों के जरिये 40 लाख किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर लेने के बाद हमने काफी कुछ सीखा है और हम देश में परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग बढ़ाकर अपनी प्रतिबद्धता बढ़ा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि कंपनी आसानी से उपलब्ध, किफायती और टिकाऊ  परिवहन समाधान मुहैया कराने के लिए राज्य सरकारों एवं अन्य भागीदारों के साथ मिलकर काम करने के मौके तलाश रही है।

कंपनी ने कहा कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों की सेवा देश के तीन अन्य शहरों में भी शुरू करने वाली है। हालांकि, कंपनी ने इन शहरों के नामों का खुलासा नहीं किया। ओला ने कहा कि वह इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों को सड़कों पर उतारने के मद्देनजर एक उपयुक्त नीति को लेकर राज्य सरकारों से बात कर रही है।

कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया में अपने परिचालन की शुरुआत फरवरी में पर्थ से की थी और बाद में इसे सिडनी में लांच किया। आनेवाले महीनों में ऑस्ट्रेलिया में कंपनी के परिचालन का विस्तार जारी रहेगा और ब्रिसबेन, गोल्ड कोस्ट, कैनबरा, एडिलेड, डार्विन और होबार्ट में सेवाओं की शुरुआत की जाएगी। ऑस्ट्रेलिया में अब तक ड्राइवर पार्टनर के रूप में 15 हजार कैब चालकों ने पंजीकरण कराया है।