मुंबई। बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक और शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई की विशेष अदालत ने सोमवार को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। आईडीबीआई बैंक से लिए 900 करोड़ रुपये कर्ज के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर अदालत ने यह आदेश दिया है। माल्या पर आरोप हैं कि उन्होंने यह कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस के लिए लिया था मगर इसमें से 430 करोड़ रुपये का इस्तेमाल विदेश में प्रॉपर्टी खरीदने में किया।

किंगफिशर एयरलाइंस ने ईडी के इस दावे के खिलाफ याचिका दायर कर कहा था कि आईडीबीआई के कर्ज का सही इस्तेमाल किया गया। मगर अदालत ने किंगफिशर की याचिका खारिज कर दी। माल्या पर बैंकों के 9000 करोड़ रुपये के कर्ज हैं। बैंकों ने जब उनसे इस कर्ज को वसूलने की कार्रवाई शुरू की तो वे राजनयिक पासपोर्ट पर चुपके से विदेश निकल गए। ईडी की सिफारिश पर माल्या के राजनयिक पासपोर्ट को पहले ही चार हफ्तों के लिए सस्पेंड किया जा चुका है।

ईडी के समन को धता 

पिछले करीब एक महीने से भी ज्यादा समय से माल्या ब्रिटेन में हैं और ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर चुके हैं। लोन धोखाधड़ी मामले में विजय माल्या 9 अप्रैल को लगातार तीसरी बार ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे। निदेशालय के नोटिस का जवाब देने के लिए उन्होंने मई तक का समय मांगा था ताकि वह निजी तौर पर पेश हो सकें। ईडी द्वारा तीसरी बार नोटिस भेजने से पहले अधिकारियों ने इस बात की तरफ इशारा किया था कि अगर माल्या फिर से पेश नहीं होते हैं तो उनका पासपोर्ट जब्त किया जाएगा या फिर वह सीधे अदालत में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट लेने जाएंगे।

बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने 9000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज़ नहीं चुका पाने के मामले में माल्या के ख़िलाफ़ कोर्ट और ट्रिब्यूनल में अपील की है। सुप्रीम कोर्ट ने भी माल्या से 21 अप्रैल तक उनके और उनके परिवार की भारत और विदेश में मौजूद संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कहा है।

आगे क्या होगा

गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद एजेंसियों के लिए माल्या के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का रास्ता साफ हो गया है। नियमों के मुताबिक, जब कोई आरोपी तीन बार किसी जांच एजेंसी के समन पर पेश नहीं होता है तो दो विकल्प बचते हैं। पहला- आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करना और दूसरा- पासपोर्ट रद्द कराना।- गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी होता है।  अगर एक महीने के अंदर इंटरपोल ईडी की अपील पर माल्या के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करता है तो वह ब्रिटेन से बाहर किसी दूसरे देश नहीं जा सकेंगे और उनका पासपोर्ट भी रद्द हो जाएगा जो अभी निलंबित है।