नई दिल्ली। पहलवान नरसिंह यादव के डोपिंग मामले में नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने फैसला उनके पक्ष में सुनाया है। मतलब अब नरसिंह रियो ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह जानकारी भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने दी। इस मामले की लंबी सुनवाई के बाद नाडा ने शनिवार को फैसला सोमवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। इसकी सुनवाई शनिवार को भी आठ घंटे चली थी। पिछले कुछ दिनों से चले आ रहे संदेह को खत्म करते हुए नाडा के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने नरसिंह यादव को बरी करने का बयान पढ़ा,  जिसके बाद इस पहलवान के समर्थकों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है।

नाडा के महानिदेशक अग्रवाल ने नरसिंह यादव पर कहा, ‘‘हमने बीते समय के (दो जून तक) के नमूने को ध्यान में रखा, जिसमें उसका कोई भी नमूना पॉजिटिव नहीं पाया गया था। यह बात समझ से बाहर थी कि एक बार यह प्रतिबंधित पदार्थ लेने से फायदा होगा। इसलिए पैनल का विचार था कि एक बार लिया गया पदार्थ ‘जान-बूझकर’ नहीं लिया गया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पैनल ने कहा कि यह एथलीट नाडा की डोपिंग रोधी संहिता की 10.4 धारा के लाभ का हकदार है। यह ध्यान में रखते हुए कि वह साजिश का शिकार हुआ, पैनल ने नाडा के डोपिंगरोधी नियमों के आरोपों से उसे बरी कर दिया।’’ जब यह फैसला लिया गया तो नरसिंह नाडा के मुख्यालय में उपस्थित थे। रियो जाने वाली टीम में उनकी जगह प्रवीण राणा को भेजने की घोषणा की गई थी, लेकिन भारतीय कुश्ती महासंघ ने कहा कि नरसिंह को अब टीम में वापस ले लिया जाएगा।

रियो ओलंपिक के लिए किया था क्‍वालीफाई

नरसिंह पंचम यादव ने 2015 में वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इसी जीत के साथ उन्होंने रियो में होने वाले ओलिंपिक खेलों के लिए 74 किग्रा वर्ग में क्वालिफाई कर लिया था. वह सोनीपत स्थित साई (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) केंद्र में ट्रेनिंग ले रहे थे.

दो डोप टेस्ट में हुए फेल : यादव 5 जुलाई को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) की ओर से किए गए दूसरे डोप टेस्ट में भी फेल हो गए थे। इससे पहले 25 जून को किए गए डोप टेस्ट में भी नरसिंह यादव  फेल हो गए थे, जिसके बाद विवाद पैदा हो गया। सूत्रों के अनुसार नरसिंह के फूड सप्लीमेंट में प्रतिबंधित दवा की मिलावट नहीं पाई गई, जिससे उनका यह दावा गलत हो गया था। हालांकि खाने में मिलावट की बात पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

साजिश की जताई आशंका : भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह ने कहा था कि नरसिंह यादव के खाने में दवा मिलाने की बात सच है। उन्होंने कहा था कि सोनीपत कैंप में नरसिंह यादव के खाने में दवाई मिलाई गई। मिलाने वाले आरोपी की पहचान कर ली गई है। नरसिंह ने यह भी आरोप लगाया था कि उनके खाने में प्रतिबंधित दवा मिलाने वाले युवा पहलवान का घटना के समय का सीसीटीवी फुटेज इसलिए उपलब्ध नहीं है क्योंकि इसमें स्‍पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ‘साई’ एडमिनिस्ट्रेटर की भूमिका है। कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने कहा, ‘हालांकि इस बारे में नरसिंह ने कोई लिखित शिकायत नहीं की है, लेकिन मीडिया के जरिये संबंधित अधिकारी पर संदेह होने की बात कही है। वह अधिकारी अभी भी संस्थान में है। मेरा मानना है कि यह उचित नहीं है। मंत्रालय का काम अधिकारियों को बचाना नहीं है।’ हरियाणा के खेलमंत्री अनिल विज ने दावा किया है कि स्‍पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया  केंद्र की गतिविधियों पर राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, फिर भी राज्य पुलिस से नरसिंह यादव से जुड़े डोपिंग विवाद की छानबीन करने के लिए कहा गया है।

आरोपी की पहचान का दावा : केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने साफ किया था कि निलंबित खिलाड़ी के स्थान पर नए खिलाड़ी को नहीं भेजा जा सकता। भारतीय कुश्ती फेडरेशन ने नरसिंह के स्थान पर प्रवीण राणा को भेजने की बात कही थी। भारतीय कुश्ती संघ के मुताबिक जिस आरोपी की पहचान की गई है, वह एक सीनियर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी का भाई है। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपी छत्रसाल अखाड़े में प्रैक्टिस करता है। साई सेंटर के रसोइये ने भी इस आरोपी की पहचान की है। हालांकि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह ने पहलवान सुशील कुमार के मुद्दे पर कुछ भी नहीं कहा। फेडरेशन का आरोप है कि 5 जून को खाने में छौंक लगाते समय प्रतिबंधित दवा डाली गई। नरसिंह यादव ने इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की है। कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की है।

फिर भी पक्ष में फैसला : साजिश को साबित करने के नरसिंह के अंतिम प्रयास भी नाकाम रहे थे, क्योंकि एक जूनियर पहलवान को सोनीपत स्थित साई सेंटर की मेस में नरसिंह के खाने में कुछ मिलाते देखने का दावा करने वाले दोनों रसोइयों ने नाडा के पैनल के सामने बयान बदल दिया। फिर भी नाडा ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया।