नई दिल्‍ली।

मैकडॉनल्ड्स के 43 आउटलेट बंद होने से उसके 1700 कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ेगी, क्‍योंकि कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट्स के बोर्ड ने दिल्ली के 55 में 43 रेस्टोरेंट बंद करने का फैसला किया है। मैकडॉनल्ड्स और उसके हिस्सेदारी वाले ज्वाइंट वेंचर कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीपीआरएल) के बीच लंबे समय से विवाद चला आ रहा था।

फैसले का बड़ा असर मैकडॉनल्ड्स के कर्मचारियों पर पड़ेगा, क्‍योंकि 1700 कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। देश में 168 आउटलेट ऑपरेट करने वाली सीपीआरएल के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रम बख्शी ने कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है,  लेकिन जिन 43 रेस्टोरेंटों को सीपीआरएल ऑपरेट कर रही थी,  उन्हें अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है।

दरअसल, अमेरिका की दिग्गज बर्गर कंपनी मैकडॉनल्ड्स और कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट्स के बीच जारी आपसी मतभेद ने एक नया मोड़ ले लिया है, जिसके तहत 43 रेस्टोरेंट बंद करने का फैसला किया गया है। कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट्स विक्रम बख्शी और मैकडॉनल्ड्स के बीच 50:50 फीसदी हिस्सेदारी वाला ज्वाइंट वेंचर (जेवी) है, जो उत्तरी और पूर्वी भारत में फास्ट फूड चेन का संचालन करता है। सीपीआरएल देश में 168 रेस्टोरेंट ऑपरेट करती है।

बख्शी और उनकी पत्नी अब भी सीपीआरएल बोर्ड में हैं। बोर्ड में मैकडॉनल्ड्स के दो प्रतिनिधि हैं। आउटलेट्स बंद करने का एलान बुधवार सुबह स्काइप के जरिये हुई बोर्ड मीटिंग के दौरान लिया गया। सूत्रों के मुताबिक,  बख्शी और मैकडॉनल्ड्स के बीच चल रही तकरार के बीच सीपीआरएल मैंडेटरी हेल्थ लाइसेंस रिन्यू कराने में फेल हो गई है।

अगस्त 2013 में बख्शी को नाटकीय तरीके से सीपीआरएल  के मैनेजिंग डायरेक्टर पोस्ट से हटा दिया गया था। इसके बाद बख्शी और मैकडॉनल्ड्स के बीच लंबी कानूनी लड़ाई शुरू हो गई, जिसमें उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी फास्ट फूड चेन को कंपनी लॉ बोर्ड में घसीट लिया। इस मामले में बोर्ड का फैसला अभी नहीं आया है। वहीं,  मैकडॉनल्ड्स लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन में बख्शी के खिलाफ आर्बिट्रेशन का मामला लड़ रही है।

वेस्टलाइफ डेवलपमेंट लिमिटेड ने अपनी सब्सिडियरी हार्डकासल रेस्टोरेंट्स प्राइवेट लिमिटेड (एचआरपीएल) के जरिये पश्चिम और दक्षिण भारत में मैकडॉनल्ड्स ब्रांड के तहत बिजनेस के मास्टर राइट्स लिए हुए हैं। कंपनी अभी 242 रेस्टोरेंट्स चला रही है।